एक अभूतपूर्व मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के एक ग्राम पंचायत चुनाव का परिणाम पलट दिया है. अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVMs) तलब कर खुद सुप्रीम कोर्ट में अपनी रजिस्ट्री के अधिकारियों के माध्यम से मतगणना करवाई और उसके आधार पर नया परिणाम घोषित किया.
सोमवार को जस्टिसों की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने 2022 में हुए हरियाणा के पानीपत जिले के ग्राम पंचायत बूआना लखू के चुनाव परिणाम को रद्द कर दिया और याचिकाकर्ता को निर्वाचित सरपंच घोषित कर दिया. अदालत ने कहा, "OSD (रजिस्ट्रार) की रिपोर्ट पर संदेह का कोई कारण नहीं है, खासकर जब पूरी पुनर्गणना की वीडियोग्राफी हुई और उसका परिणाम दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित है."
पीठ ने स्पष्ट किया कि पुनर्गणना में EVM द्वारा दिखाए गए नतीजों में त्रुटियां सामने आईं. अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता और सहमति से की गईं.
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता महमूद प्राचा ने आजतक को बताया, "यह फैसला EVMs की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करता है, क्योंकि पुनर्गणना में जो परिणाम आया, वह मशीनों द्वारा दिखाए गए परिणाम से अलग था."
यह मामला चुनावी प्रक्रिया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की पारदर्शिता को लेकर राष्ट्रीय बहस को और तेज कर सकता है. विशेष रूप से, जब अदालत ने खुद EVMs को मंगवाकर पुनर्गणना की और आधिकारिक रूप से अलग परिणाम घोषित किया, यह देश के न्यायिक इतिहास में एक मिसाल बन गया है.
अनीषा माथुर