एम्स में पोस्टमार्टम, CBI जांच और पंचायत... मनीषा की मौत से हरियाणा में उबाल, मिस्ट्री से कब उठेगा पर्दा?

हरियाणा के भिवानी में 19 साल की लेडी टीचर मनीषा की मौत के बाद प्रदेश में बवाल मच गया है. गांव में पंचायत जारी है. परिजन और ग्रामीण मनीषा की मौत को मर्डर मानते हुए अंतिम संस्कार से इनकार कर रहे हैं. दिल्ली एम्स में पोस्टमार्टम और सीबीआई जांच के बावजूद मामला विवादों में है. छात्रों और युवाओं ने सोनीपत में सड़कों पर प्रदर्शन कर पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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लेडी टीचर मनीषा की मौत को लेकर रहस्य बरकरार. (File Photo: ITG) लेडी टीचर मनीषा की मौत को लेकर रहस्य बरकरार. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • भिवानी/सोनीपत,
  • 20 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

हरियाणा के भिवानी में 19 साल की लेडी टीचर मनीषा की मौत ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है. ढाणी लक्ष्मन गांव में मनीषा का शव मिलने के बाद से ही मामला लगातार उलझता जा रहा है. अब तक मौत को लेकर गांव और शहरों में उबाल बना हुआ है. शुरुआती रिपोर्ट्स और पुलिस जांच के अनुसार, मनीषा ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या की थी, लेकिन परिजन और ग्रामीण इसे मर्डर मान रहे हैं.

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दरअसल, मनीषा 11 अगस्त को लापता हुई थी और 13 अगस्त को उसका शव ढाणी लक्ष्मन गांव में बरामद हुआ. इस मामले ने शुरुआत से ही प्रदेश की पुलिस प्रशासन की छवि पर सवाल खड़े कर दिए. मुख्यमंत्री के आदेश पर पुलिस ने एसपी का तबादला कर दिया और पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, लेकिन इसके बावजूद परिजन और ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए. वे लगातार पंचायत कर रहे हैं और मनीषा की मौत को मर्डर बताते हुए शव का अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े हैं.

सोनीपत में छात्रों ने किया प्रदर्शन. (Photo: ITG)

मनीषा के शव का पोस्टमार्टम दिल्ली एम्स में किया गया. रिपोर्ट में मौत को आत्महत्या (सुसाइड) बताया गया. हालांकि, परिजन और गांव के लोगों ने इस रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया. मामला फिर गरमा गया. मृतका के पिता संजय ने कहा कि उन्हें समिति का दबाव था, और वे मानते नहीं कि मनीषा ने खुद अपनी जान ली. कुछ ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को पूरी तरह झूठा बताते हुए सड़क जाम कर धरना शुरू कर दिया. इसके चलते मनीषा का अंतिम संस्कार अब तक नहीं हो पाया.

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रोहतक रेंज के आईजी वाई. पूर्ण कुमार ने बताया कि मनीषा की मौत जहर खाने से हुई थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि शव के कुछ हिस्सों के गायब होने की खबरें गलत हैं. पहले पोस्टमार्टम में सभी हिस्से मौजूद थे और बाद में विसरा के लिए कुछ हिस्से अलग किए गए थे. उन्होंने यह भी कहा कि जंगली जानवरों द्वारा केवल चेहरे और गर्दन के हिस्सों को नुकसान पहुंचने की बात डॉक्टरों द्वारा स्पष्ट की गई.

आईजी ने कहा कि सुसाइड नोट पहले दिन ही मिला था, लेकिन तकनीकी जांच के कारण सार्वजनिक नहीं किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि परिजन जैसे ही अंतिम निर्णय लेंगे, उसी के अनुसार आगे कार्रवाई होगी.

भिवानी में पंचायत और धरना जारी रहने के बीच, सोनीपत में भी छात्रों और युवाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया. छात्रों ने जुलूस निकाला और भिवानी पुलिस और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने पोस्टर और बैनर हाथ में लेकर मांग की कि मनीषा को जल्द इंसाफ मिले और दोषियों को फांसी दी जाए. प्रदर्शन में यह भी सवाल उठाया गया कि मुख्यमंत्री अभी तक मनीषा के घर क्यों नहीं पहुंचे. 

सोनीपत के छात्रों ने सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि सीबीआई जांच के बावजूद उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला. मनीषा का परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है. पिता संजय ने कहा कि उनके परिवार के दबाव और सामाजिक प्रभावों के कारण उन्हें कई बार मानना पड़ा, लेकिन वे अभी भी न्याय की मांग में अडिग हैं. ग्रामीण और परिजन यह मानते हैं कि यह केवल आत्महत्या नहीं बल्कि मर्डर है, और आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. भिवानी पुलिस प्रशासन ने कहा कि हर कदम पर सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है. भिवानी के ढाणी लक्ष्मन गांव में पंचायत हुई, लोगों ने प्रदर्शन किया. सोनीपत और अन्य शहरों में युवा न्याय की मांग कर रहे हैं.

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(पवन कुमार के इनपुट के साथ)

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