हरियाणा में लाडो लक्ष्मी योजना को लेकर सियासी बवाल तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने बीजेपी सरकार पर महिलाओं के साथ 'चुनावी धोखा' करने का आरोप लगाया. ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में बड़े मंच और कैमरों के बीच 'दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना' की पहली किस्त तो जारी कर दी, लेकिन यह महिलाओं को धोखा देने की योजना बनकर रह गई है.
ढांडा ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, 'हरियाणा की 1.4 करोड़ महिलाओं में से सिर्फ 3.73 प्रतिशत यानी लगभग 5 लाख महिलाओं के खाते में पैसा पहुंचा है. 96 प्रतिशत महिलाएं अब भी वंचित हैं.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले हर महिला को 2100 रुपये महीना देने का वादा किया था, लेकिन अब “हर महिला” की जगह सरकार ने “हर शर्त” थोप दी है.
AAP का आरोप - शर्तों में फंसी योजना
ढांडा ने कहा कि बीजपेी सरकार ने ऐसी सख्त शर्तें रखीं कि ज्यादातर महिलाएं योजना से अपने आप बाहर हो गईं. जैसे - परिवार की सालाना आय एक लाख से कम, उम्र 23 साल से ऊपर, पति हरियाणा का निवासी हो, घर में कोई पेंशन न हो - इन शर्तों से गरीब, विधवा और नई बहुएं सब बाहर कर दी गईं.
फोटो खिंचवाने की योजना, सशक्तिकरण नहीं
AAP नेता ने कहा कि बीजेपी सरकार ने 'महिला सशक्तिकरण' के नाम पर कैमरे के सामने फोटो खिंचवाने और प्रचार करने की योजना बनाई है.
ढांडा ने कहा, “मुख्यमंत्री के पास प्रचार का वक्त है, लेकिन गरीब महिलाओं की सुनने का नहीं. ये लाडो लक्ष्मी नहीं, लुटो लक्ष्मी योजना है.”
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महिलाओं को हक नहीं, अपमान मिला
ढांडा ने कहा कि यह योजना महिलाओं के साथ अपमान का व्यवहार है. बीजेपी ने महिलाओं को अधिकार नहीं, अपमान दिया है. गरीब बेटियों, कॉलेज की लड़कियों और विधवाओं को ठगा गया है. महिलाओं ने भरोसा किया, बदले में मिला धोखा.
महिलाएं अब भाजपा के झूठ में नहीं फंसेंगी
ढांडा ने दावा किया कि हरियाणा की महिलाएं अब बीजेपी के झूठे वादों में नहीं आएंगी. महिलाएं अब खामोश नहीं रहेंगी, वे बीजेपी से 2100 रुपये का नहीं, बल्कि हर वोट का हिसाब मांगेंगी.
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में हरियाणा की जनता बीजेपी को इस “धोखे” का करारा जवाब देगी.
दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना क्या है?
हरियाणा सरकार ने इसी साल 25 सितंबर को 'दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना' की शुरुआत की. इस योजना का मकसद है कि राज्य की गरीब और निम्न आय वर्ग की महिलाओं को आर्थिक सहारा देना ताकि वे खुद पर निर्भर हो सकें और अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकें.
सरकार हर पात्र महिला को हर महीने 2100 रुपये की आर्थिक मदद देती है. ये पैसा सीधे उनके बैंक खाते में आता है ताकि कोई बीच का व्यक्ति इसका गलत इस्तेमाल न कर सके. इस योजना का फायदा 23 साल या उससे ज़्यादा उम्र की महिलाओं को मिलता है. अगर कोई महिला अविवाहित है, तो उसे कम से कम 15 साल से हरियाणा की निवासी होना ज़रूरी है.
वहीं अगर महिला विवाहित है, तो उसके पति का भी कम से कम 15 साल से हरियाणा में रहना जरूरी है. परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए. यानी यह योजना खासतौर पर उन परिवारों के लिए है, जिनकी आर्थिक हालत कमजोर है.
इसकी एक खास बात यह है कि अगर एक ही परिवार में कई महिलाएं इन शर्तों को पूरी करती हैं, तो सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा.
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