अद्भुत सजावट, चमकती रोशनी और संगीत... भव्य रूपों से जगमगा उठा विशाल गरबा पंडाल, Video

सूरत में नवरात्र के उत्सव की छठी रात गरबा पंडाल रंग-बिरंगी वेशभूषा और भक्ति भाव से जगमगा उठा. हजारों लोग शिव-पार्वती और राधा-कृष्ण के रूप में गरबा खेलते नजर आए. छोटे-बड़े सभी ने अलग-अलग ड्रेस कोड में माता रानी की भक्ति में नृत्य किया. इस दौरान एक छोटी बच्ची का अद्भुत प्रदर्शन सबका ध्यान खींच रहा था.

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गरबा में शामिल हुए हजारों लोग. (Photo: Screengrab) गरबा में शामिल हुए हजारों लोग. (Photo: Screengrab)

संजय सिंह राठौर

  • सूरत,
  • 28 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

नवरात्र के उत्सव में सूरत का एक विशाल गरबा पंडाल रंग-बिरंगे और भव्य रूपों से जगमगा उठा. इस पंडाल में हजारों लोग गरबा खेलने के लिए पहुंचे. उन्होंने अलग-अलग ड्रेस कोड अपनाकर माता रानी की भक्ति में नृत्य किया. किसी ने शिव-पार्वती का रूप धारण किया, तो किसी ने राधा-कृष्ण की अद्भुत वेशभूषा में गरबा खेला. छोटे-बड़े सभी इस भव्य नजारे को देख मंत्रमुग्ध हो गए.

पंडाल में मौजूद पुरुष, महिलाएं और बच्चे अपनी अलग-अलग ड्रेस और स्टाइल में गरबा खेलते नजर आए. कुछ लोगों ने हरे रंग का समान ड्रेस पहनकर ग्रुप बनाकर गरबा खेला. वहीं कुछ ने गुलाबी या काले रंग की ड्रेस में नृत्य किया. छोटे-छोटे बच्चे भी इसमें शामिल रहे. एक छोटी बच्ची ने अद्भुत नृत्य कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.

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इस पंडाल में गरबा की विभिन्न झलकियां देखने को मिलीं. लोग भक्ति भाव में अपने-अपने तरीके से गरबा खेल रहे थे, संगीत की ताल और ड्रम की धुन पर कदमताल कर रहे थे. ड्रेस कोड के साथ गरबा खेलने की परंपरा ने इस आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया.

यह भी पढ़ें: गैर-हिंदुओं को गरबा में रोकने का नया 'भोपाली फॉर्मूला', गौमूत्र छिड़काव और गंगाजल आचमन के बाद ही एंट्री

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पंडाल में हर साल हजारों की संख्या में लोग एकत्र होते हैं. इस बार छठी रात का नजारा कुछ और ही था. लोग समूहों में अपने-अपने रंग और वेशभूषा के साथ गरबा खेल रहे थे. यह दृश्य और भी जीवंत और मनोरम बन गया. पंडाल की सजावट, रोशनी और संगीत ने इस आयोजन की भव्यता को चार चांद लगा दिए.

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इस दौरान लोगों ने कहा कि सूरत के गरबा पांडाल में इस नवरात्र का उत्सव भक्ति और संस्कृति का प्रतीक बना. इस तरह के आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं, बल्कि समाज में सामूहिक उत्साह और एकता की भावना को भी बढ़ावा देते हैं.

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