गुजरात के खंभात में 7 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या, दोषी को डबल फांसी की सजा

आणंद जिले में स्थित खंभात के एक गांव में गांव का ही रहने वाला अर्जुन गोहेल ने 7 साल की बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने साथ ले गया था. इसके बाद अर्जुन गोहेल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी. अब कोर्ट ने दोषी अर्जुन उर्फ ​​दादो गोहेल को डबल फांसी की सजा सुनाई है.

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प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.

अतुल तिवारी / ब्रिजेश दोशी

  • आणंद,
  • 26 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

गुजरात के आणंद जिले में स्थित खंभात के एक गांव में अक्टूबर 2019 में 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी गला घोंटकर हत्या करने के मामले में खंभात सत्र न्यायालय ने दोषी अर्जुन उर्फ ​​दादो गोहेल को पॉक्सो एक्ट के तहत हत्या का दोषी करार देते हुए डबल फांसी की सजा सुनाई है. पॉक्सो और हत्या के मामले में आरोपी अर्जुन गोहेल को डबल फांसी की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही गुजरात में यह पहली घटना हो गई है, जहां किसी आरोपी को डबल फांसी की सजा सुनाई गई है. 

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इसके बाद आरोपी को अब फांसी से बचने के लिए पॉक्सो और हत्या के अलग-अलग मामलों में अपील दायर करनी होगी. बता दें कि 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना 28 अक्टूबर 2019 को हुई थी. खंभात के ही गांव में रहने वाला अर्जुन गोहेल ने 7 साल की बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने साथ ले गया था. इसके बाद अर्जुन गोहेल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी. 

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने खंभात सत्र न्यायालय द्वारा आरोपियों को डबल फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद एक्स पर कहा, न्याय हुआ है. आणंद जिले में 7 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के लिए अर्जुन गोहेल को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है. यह एक कठोर फैसला है, जो पीड़ित के परिवार को सांत्वना देता है. अदालत का यह फैसला स्पष्ट संदेश देता है कि गुजरात में इस तरह के जघन्य अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

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स्पेशल पीपी रघुवीर पंड्या ने बताया कि हमने कोर्ट में एक विशेष दरखास्त दायर की थी. उसमें कहा गया था कि गुजराती नववर्ष के दिन जब बच्ची खुशी और अरमानों के साथ खेल रही थी, तभी पड़ोस में रहने वाला 29 वर्षीय आरोपी इस तरह का घिनौना कृत्य कर बैठा. इस घटना ने माता-पिता के मन में भय बैठा दिया कि अब वे अपनी बच्चियों को बाहर खेलने भेजने से भी डरेंगे. इसी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हमने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी. आरोपी की हरकतों और जेल में उसके खराब व्यवहार की रिपोर्ट को भी कोर्ट ने संज्ञान में लिया. बच्ची के साथ खेलने वाली अन्य बच्चियों और घटना के समय आरोपी को बच्ची के साथ जाते हुए देखने वाले चश्मदीद गवाहों की गवाही ने भी आरोपी को दोषी सिद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन सभी बिंदुओं पर गौर करते हुए कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई.

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