अहमदाबाद प्लेन क्रैश में 7 महीने की गर्भवती महिला और उसके पति की मौत, बेबी शावर के बाद लौट रहे थे लंदन

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश में लंदन से आए दंपत्ति वैभव और सात महीने की गर्भवती पत्नी जिनल की मौत हो गई है. दोनों बेबी शावर समारोह के बाद लौट रहे थे. हादसे में न सिर्फ पति-पत्नी की, बल्कि उनके अजन्मे बच्चे की भी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि हमने न केवल अपने बेटे और बहू को खो दिया है, बल्कि अपना भविष्य भी खो दिया है जो दो महीने बाद जन्म लेने वाला था.

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फाइल फोटो. फाइल फोटो.

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद,
  • 22 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश में हर एक मौत अपने पीछे एक दिल दहला देने वाली कहानी छोड़ गई है. ऐसी ही एक कहानी है वैभव पटेल (29) और उनकी पत्नी जिनल गोस्वामी (27) की. वे लंदन से अहमदाबाद अपने पहले बच्चे के बेबी शावर में शामिल होने आए थे. जिनल सात महीने की गर्भवती थीं और इस खुशी के पल को परिवार के साथ मनाने के बाद दोनों 12 जून को वापस लंदन लौट रहे थे. मगर, प्लेन क्रैश ने उनकी और उनके आने वाले बच्चे की जिंदगी छीन ली.

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दरअसल,  12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेक ऑफ के कुछ समय बाद ही क्रैश हो गई थी. इस हादसे में विमान के दो पायल, 10 क्रू मेम्बर्स और 229 यात्रियों की मौत हो गई थी. इस हादसे में एकमात्र विश्वास कुमार रमेश नाम का यात्री जिंदा बचा, जो लंदन का नागरिक है.

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वहीं, 241 मृतकों में वैभव और जिनल का नाम डीएनए टेस्ट के ज़रिए पुष्टि होने के बाद सामने आया है. वैभव मूल रूप से गुजरात के धोलका तालुका के केलिया वासना गांव के रहने वाले थे. उनके चाचा बलवंत पटेल ने बताया कि दोनों की शादी ढाई साल पहले हुई थी और दो साल पहले वैभव लंदन चला गया था. इस बार वह सिर्फ अपने पहले बच्चे के स्वागत की तैयारी में अहमदाबाद आया था.

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रविवार को जिनल के लिए भव्य बेबी शावर समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें पूरे परिवार ने भाग लिया था. खुशियों से भरा वह दिन अब परिवार के लिए एक ऐसा लम्हा बन गया है, जिसे याद कर हर आंख नम हो जाती है. दो दिन बाद यानी 12 जून को जब दोनों लंदन के लिए रवाना हुए, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी अंतिम यात्रा होगी.

चाचा ने आगे बताया कि यह हादसा केवल एक दंपत्ति की मौत नहीं है, बल्कि एक पूरे परिवार का सपना, एक अजन्मे बच्चे की उम्मीद और भविष्य की पीढ़ी का अंत है. प्लेन क्रैश के बाद सारी खुशियां अब जीवन भर के अफसोस में बदल गई हैं. हमने न केवल अपने बेटे और बहू को खो दिया है, बल्कि अपना भविष्य भी खो दिया है जो दो महीने बाद जन्म लेने वाला था.

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