गुजरात के नवसारी जिला के जलालपोर तालुका स्थित डाभेल गांव में 15 दिसंबर को आदिवासी समाज के एक युवक पर जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है. इस हमले में गंभीर रूप से घायल युवक दीपक हलपति की चार दिन के इलाज के बाद मौत हो गई. घटना के बाद दीपक हलपति को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया था.
पुलिस को दिए बयान में दीपक ने बताया कि डाभेल गांव के कुछ लोग, जो कसाई का काम करते हैं, उस पर गाय काटने का दबाव बना रहे थे. दीपक ने जब इस काम से इनकार किया और नाराजगी जताई, तो इन लोगों ने एकजुट होकर उस पर हमला कर दिया. हमले में उसके दोनों हाथ और दोनों पैर टूट गए थे. इसके अलावा अंदरूनी चोटें इतनी गंभीर थीं कि इलाज के दौरान शुक्रवार रात करीब दो बजे उसकी मौत हो गई.
आदिवासी युवक की मौत से जनता में आक्रोश
दीपक की मौत के बाद आदिवासी समाज में भारी आक्रोश देखने को मिला. आदिवासी समाज के साथ हिंदू संगठन और अन्य लोग भी परिवार के समर्थन में सामने आए. आरोपियों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर परिजनों और समाज के लोगों ने दीपक का शव लेने से इनकार कर दिया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए वलसाड डांग के सांसद धवल पटेल ने पुलिस से संपर्क किया और सख्त कार्रवाई की मांग की. सांसद धवल पटेल डाभेल गांव पहुंचे और दीपक की स्मशान यात्रा में शामिल होकर कंधा भी दिया. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हत्या और एट्रोसिटी एक्ट के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार अन्य चार आरोपियों की तलाश जारी है.
जांच अधिकारी डीवाईएसपी हरीश चांदू ने बताया कि 16 दिसंबर को इस मामले में शिकायत दर्ज की गई थी. इसके बाद 17 दिसंबर को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक वयस्क और दो नाबालिग शामिल हैं. मुख्य आरोपी को दो दिन के रिमांड के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि दोनों नाबालिगों को चाइल्ड ऑब्जर्वेशन रूम में रखा गया है.
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया
पुलिस का कहना है कि मृतक युवक पहले आरोपियों के यहां काम करता था और बाद में पैसों के लेनदेन को लेकर उसने काम छोड़ दिया था. आरोपियों के पिता और चाचा के खिलाफ पहले से करीब 12 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें गौकशी से जुड़े मामले भी शामिल बताए गए हैं, हालांकि इस घटना में गौकशी से जुड़ा कोई मामला सामने नहीं आया है.
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