गुजरातः वडगाम में BJP कैंडिडेट की हार पर भड़के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, कहा- वोटर्स ने देश के साथ किया विश्वासघात

गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने वडगाम विधानसभा सीट पर बीजेपी कैंडिडेट की हार को लेकर वोटर्स पर गुस्सा निकाला है. दरअसल, विश्वकर्मा वडगाम के वर्णवाड़ा गांव के दौरे पर थे, इस दौरान ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया तो उन्होंने इसे पाखंड करार दिया.

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जगदीश विश्वकर्मा (फोटो-सोशल मीडिया) जगदीश विश्वकर्मा (फोटो-सोशल मीडिया)

aajtak.in

  • अहमदाबाद,
  • 17 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कैंडिडेट जिग्नेश मेवाणी की जीत को लेकर वडगाम के वोटर्स की आलोचना की. उन्होंने कहा कि बनासकांठा के वडगाम के वोटर्स ने बीजेपी के कैंडिडेट की बजाय कांग्रेस के जिग्नेश मेवाणी पर भरोसा जताकर देश के साथ विश्वासघात किया है.

गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से बीजेपी ने रिकॉर्ड 156 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को महज 17 जीत से संतोष करना पड़ा था. वहीं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने वडगाम सीट पर भाजपा के मणिभाई वाघेला को 4 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 

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मणिभाई वाघेला की हार पर मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने वोटर्स की आलोचना की है. उन्होंने इसे देश के साथ विश्वासघात की संज्ञा दी है, वहीं जिग्नेश मेवाणी ने जगदीश विश्वकर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सत्ताधारी दल को भी हार को पचाना सीखना चाहिए.

एजेंसी के मुताबिक जगदीश विश्वकर्मा को जगदीश पांचाल के नाम से भी जाना जाता है. जगदीश विश्वकर्मा भूपेंद्र पटेल सरकार में सहकारिता, नमक उद्योग, प्रोटोकॉल और एमएसएमई राज्य मंत्री हैं. वह वडगाम के वर्णवाड़ा गांव के दौरे पर थे, इस दौरान ग्रामीणों ने उनका अभिवादन किया तो विश्वकर्मा इसे पाखंड बताते हुए भड़क गए.

जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि जो लोग (बीजेपी के कैंडिडेट की हार के लिए) जिम्मेदार है,  उन्होंने देश के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने कहा कि आपने मेरा स्वागत किया, मुझे माला पहनाई, लेकिन मैं आपको बता दूं कि अब इस तरह का पाखंड दिखाने के बजाय, आपको यहां भाजपा की जीत सुनिश्चित करके अपना प्यार दिखाना चाहिए था.

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इसके बाद कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी के मंत्री परेशान हैं, क्योंकि उनकी पार्टी यहां कई करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद जीत नहीं पाई. गर्मजोशी से स्वागत करने के बावजूद विश्वकर्मा ने ग्रामीणों का अपमान किया है. उन्हें हार को पचाना सीखना चाहिए.

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