रिहायशी इलाकों में शेरों का झुंड... सीसीटीवी में देखा तो दहशत में आ गए लोग, वन विभाग ने इलाके में भेजी टीम

जूनागढ़ के धरानगर इलाके में देर रात उस समय दहशत फैल गई, जब एक साथ सात शेर रिहायशी क्षेत्र में पहुंच गए. सीसीटीवी में कैद हुए वीडियो ने लोगों की चिंता बढ़ा दी. पिछले एक महीने से शेरों का शहर में बार-बार आना आम हो गया है. वन विभाग ने इस बार भी टीम भेजकर शेरों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर खदेड़ा, लेकिन स्थानीय लोगों में दहशत है.

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सड़क पर दिखा शेरों का झुंड. (Photo: Screengrab) सड़क पर दिखा शेरों का झुंड. (Photo: Screengrab)

भार्गवी जोशी

  • जूनागढ़,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST

गुजरात में जूनागढ़ के धरानगर इलाके में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक नहीं बल्कि सात शेरों का पूरा ग्रुप रिहायशी क्षेत्र में आ घुसा. शेरों का यह हुजूम इलाके के सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया. इसके बाद स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई. शेरों का यह ग्रुप शहर के आबादी वाले हिस्सों में पहुंचा है.

वन विभाग के अनुसार, यह गिरनार जंगल का गिरनारी ग्रुप है. गिरनार DCF अक्षय जोशी ने बताया कि इस ग्रुप में पहले सिर्फ दो शेर थे, लेकिन समय के साथ छोटे शावक बड़े हुए और अब यह झुंड ग्यारह शेरों का हो चुका है. यह समूह जंगल के किनारे बसे रिहायशी इलाकों भवनाथ, ग्राफेड और आसपास पला-बढ़ा है, इसलिए इन्हें मानव आबादी से बहुत डर नहीं लगता.

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जोशी के मुताबिक, शेर अक्सर शिकार की तलाश या खुली जगह में आराम करने रेवेन्यू एरिया में चले आते हैं. इसी सिलसिले में यह सात शेर धरानगर पहुंचे थे. हालांकि, शेरों ने किसी पर हमला नहीं किया. उनकी मौजूदगी ने पूरे इलाके में भय का माहौल पैदा कर दिया. बाद में वन विभाग की टीम ने स्थिति संभालते हुए इन शेरों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर खदेड़ दिया.

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पिछले एक महीने में शेरों का यह समूह बार-बार इस क्षेत्र में दिखाई दे रहा है. इससे स्थानीय लोग हर रात डर के साए में जीने को मजबूर हैं. कुछ दिन पहले भी यही गिरनारी ग्रुप रेलवे ट्रैक पर डेरा जमाकर बैठ गया था. स्थानीय लोगों ने रात में शेरों को ब्रॉडगेज रूट पर आराम करते हुए वीडियो में कैद किया था. कई बार शेरों की ट्रैक पर मौजूदगी के चलते ट्रेनों को एक-दो घंटे तक रोका जाता है और वन कर्मियों द्वारा शेरों को दूर ले जाने के बाद ही रेल संचालन शुरू किया जाता है. गिरनार जंगल में शेरों की लगातार बढ़ती आबादी के कारण उनके समूह भी फैलते जा रहे हैं, जिससे वे कभी-कभी शहर के आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं.

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