गुजरात सरकार ने नकली और डुप्लीकेट दवाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए एक सख्त एसओपी तैयार करने की घोषणा की है. यह कदम राज्य के बाहर से आने वाली नकली दवाओं की आपूर्ति रोकने के लिए उठाया जा रहा है.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि एसओपी लागू करने के बाद गुजरात देश का ऐसा पहला राज्य होगा जो नकली दवाओं पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाएगा.
एसओपी के मुख्य बिंदुओं में आयातित दवाओं और ट्रांसपोर्टरों का पंजीकरण, बिना लाइसेंस के दवा कारोबार पर कार्रवाई, तेजी से बिकने वाली दवाओं पर निगरानी और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट का सख्ती से पालन शामिल है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 4 साल में करीब 6 करोड़ रुपये की नकली दवाएं और सौंदर्य प्रसाधन जब्त किए गए हैं. 75 से ज्यादा व्यक्तियों और फर्मों पर कार्रवाई की गई है. अधिकतर नकली दवाएं राज्य के बाहर से लाई जाती हैं.
फार्मा हब के रूप में गुजरात में 5000 से ज्यादा निर्माता और 55000 से अधिक खुदरा और थोक विक्रेता हैं. नकली दवाओं पर सख्त नियंत्रण के लिए सरकार वडोदरा के अलावा तीन नई टेस्टिंग लैब शुरू करेगी. साथ ही 10 हैंड-हेल्ड रमन स्पेक्ट्रोमीटर उपकरण भी खरीदे जाएंगे.
फ्लाइंग स्क्वॉड पहले ही 20 लाख की नकली दवाएं जब्त कर चुका है. सरकार ने ट्रांसपोर्ट एजेंसियों और बिना बिल वाली आपूर्ति पर भी नजर रखने का आदेश दिया है.
ब्रिजेश दोशी