गुजरात ACB का बड़ा एक्शन, CID क्राइम के इंस्पेक्टर और कांस्टेबल 30 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

गुजरात एसीबी ने कॉल सेंटर मामले में कार्रवाई न करने के बदले 30 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सीआईडी क्राइम के इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है. गांधीनगर के सरगासन इलाके में ट्रैप लगाकर दोनों को पकड़ा गया. एसीबी अब दोनों से पूछताछ कर उनकी संपत्ति की जांच करेगी.

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इंस्पेक्टर और कांस्टेबल गिरफ्तार (Photo: Atul Tiwari/ITG) इंस्पेक्टर और कांस्टेबल गिरफ्तार (Photo: Atul Tiwari/ITG)

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद ,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सीआईडी क्राइम के एक इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को 30 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई गांधीनगर के सरगासन इलाके में की गई, जहां दोनों आरोपी रिश्वत की रकम ले रहे थे. इस घटना के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है.

मामला गांधीनगर स्थित सीआईडी क्राइम पुलिस से जुड़ा है. यहां कॉल सेंटर से संबंधित एक केस दर्ज था. इस केस में आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई न करने के बदले सीआईडी क्राइम सीआईएल के इंस्पेक्टर पेथा पटेल और कांस्टेबल विपुल देसाई ने 30 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. आरोपी रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने इस पूरे मामले की शिकायत गुजरात एसीबी से कर दी.

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सीआईडी क्राइम टीम का इंस्पेक्टर और कांस्टेबल गिरफ्तार 

गुजरात एसीबी के डीवायएसपी जीवी पढ़ेरिया ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई. इंस्पेक्टर डीएन पटेल को ट्रैपिंग अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई. रिश्वत की रकम देने के लिए आरोपी और सीआईडी क्राइम इंस्पेक्टर के बीच गांधीनगर के स्वागत सिटी मॉल के पास धी ऑफिसिस हरि ग्रुप साइट के नजदीक सड़क पर मिलने का स्थान तय किया गया.

योजना के अनुसार सीआईडी क्राइम के कांस्टेबल विपुल देसाई आरोपी से 30 लाख रुपये लेने पहुंचा. इंस्पेक्टर ने आरोपी से बातचीत कर कांस्टेबल को पैसे लेने के लिए कहा. जैसे ही आरोपी ने 30 लाख रुपये की रकम सौंपी, एसीबी की टीम ने कांस्टेबल को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद इंस्पेक्टर को भी हिरासत में ले लिया गया.

दोनों गिरफ्तार आरोपियों की संपत्तियों की भी जांच की जाएगी

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एसीबी अधिकारियों का कहना है कि दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. साथ ही रिश्वत लेने वाले इंस्पेक्टर और कांस्टेबल की संपत्तियों की भी जांच की जाएगी. इस कार्रवाई ने गुजरात पुलिस को शर्मसार कर दिया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश दिया है.

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