वडोदरा के गंभीरा ब्रिज हादसे में मरने वाले की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. प्रशासन का कहना है कि अभी भी तीन लोग लापता है. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है और नदी में दो और वाहनों के फंसे होने की आशंका है.
ब्रिज हादसे के बारे में जानकारी देते हुए वडोदरा कलेक्टर ने बताया कि रेस्क्यू टीम ने अभी तक 15 लोगों के शव को निकाल लिया है, लेकिन तीन लोग अभी-भी लापता हैं. लापता लोगों की तलाश की जा रही है. साथ ही नदी में दो और गाड़ियों के फंसे होने की संभावनाएं हैं.
उन्होंने बताया कि नदी का तेज बहाव और मलबे के कारण बचाव कार्य में कुछ चुनौतियां आ रही हैं, लेकिन सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं. कलेक्टर ने बताया कि लापता लोगों की पहचान और उनकी स्थिति की जांच की जा रही है.
दरअसल, बुधवार सुबह वडोदरा के पादरा कस्बे के पास महिसारा नदी पर बना चार दशक पुराना गंभीरा ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया. जिससे कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए. हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया. अब तक रेस्क्यू टीम ने 15 शव निकाल लिए हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन किया तेज
कलेक्टर ने बताया कि लापता लोगों की खोज के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं. साथ ही नदी में और दो वाहनों के फंसे होने की संभावना को देखते हुए गोताखोरों और क्रेन की मदद से तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है.
हादसे के तुरंत बाद NDRF (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) और SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीमें मौके पर पहुंचीं. जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों और वाहन चालकों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया.
हादसे के बाद विधायक चैतन्य सिंह ने कहा कि पिछले साल ब्रिज की मरम्मत का काम हुआ था. ब्रिज की स्टेबिलिटी रिपोर्ट के बाद वाहनों की आवाजाही को मंजूरी दी गई थी, पर पुल की स्थिति को देखते हुए सीएम से बात कर नए पुल की मंजूरी ले ली गई थी.
उन्होंने ये भी कहा कि पिछले साल ब्रिज की जांच हुई थी, तब ब्रिज सही पाया गया था. अब इस हादसे के बाद किसकी गलती है वो जांच के बाद पता चलेगा और उसी के हिसाब से ही कार्रवाई होगी.
अतुल तिवारी