अहमदाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक कारोबारी से कथित रूप से 4 अज्ञात पुलिसकर्मियों ने 5.88 लाख रुपये की ठगी की. मामला 17 सितंबर को एसपी रिंगरोड, दास्तान सर्किल के पास हुआ. महाराष्ट्र के मुंबई निवासी कारोबारी वजेराम चेन्नाजी राजस्थान से मुंबई जा रहे थे, जब उनकी क्रेटा कार को ट्रैफिक पुलिस ने रोका.
कार की जांच के दौरान पुलिस ने वजेराम और उनके भाई धनराज को पास स्थित पुलिस केबिन में बुलाया. यहां उनके मोबाइल की जांच की गई और आरोप लगाया गया कि दोनों क्रिकेट सट्टा खेल रहे हैं. हालांकि, कारोबारी ने साफ कहा कि उनके फोन में कोई सट्टा ऐप या आईडी नहीं है. इसके बावजूद, पुलिसकर्मियों ने उन्हें केस दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी दी.
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एक घंटे तक रोकने और धमकाने के बाद एक शख्स, जो पुलिसकर्मी होने का दावा कर रहा था, उसने 20 लाख रुपये की मांग की. डर के चलते कारोबारी ने 1 लाख रुपये नकद दिए और 4.88 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए. इसके लिए पुलिस वर्दी में मौजूद शख्स ने किसी अज्ञात व्यक्ति को फोन करके यूपीआई कोड और नंबर प्राप्त किया.
इस पूरे मामले में अहमदाबाद के निकोल पुलिस स्टेशन में वजेराम ने 4 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई. FIR में आरोप लगाया गया है कि पुलिसकर्मियों ने कारोबारी को डराकर और धमकी देकर बड़ी राशि ठग ली. मामला अब पुलिस जांच में है.
अहमदाबाद शहर जोन 5 के डीसीपी जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ठगी करने वाले लोग असल में पुलिसकर्मी थे या किसी ने वर्दी पहनकर अपराध किया. कारोबारियों और आम लोगों के लिए यह मामला चेतावनी है कि कभी-कभी भ्रष्टाचार और ठगी पुलिस वर्दी के पीछे भी हो सकती है.
वजेराम चेन्नाजी के अनुसार, 17 सितंबर को वह अपने भाई और मित्र अक्षित के साथ मुंबई जा रहे थे. ट्रैफिक पुलिस ने उनके वाहन को रोकने के बाद मोबाइल की जांच की और क्रिकेट सट्टा खेलने का झूठा आरोप लगाया. पुलिस की धमकी के कारण कारोबारी ने उन्हें पैसे देने को मजबूर होना पड़ा. निकोल पुलिस ने FIR के तहत बीएनएस की धारा 308(2), 127(7), 54 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए 4.88 लाख रुपये किसके अकाउंट में गए. मामले की जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अतुल तिवारी