राजस्थान की ऐतिहासिक जोजरी नदी गंभीर प्रदूषण का शिकार है, जिससे वन्य जीवन और स्थानीय लोग प्रभावित हैं. विकास के नाम पर नदी की दुर्दशा हुई है. स्थानीय लोगों ने सरकारों की अनदेखी के बाद सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) का दरवाजा खटखटाया. NGT ने पीड़ित लोगों को ₹3,00,00,000 का मुआवजा देने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 9 अक्टूबर को एक अंतिम निर्णय सुनाने जा रहा है.