Delhi NCR Flood: दिल्ली में यमुना का कहर... निगम बोध घाट डूबा, सचिवालय तक पानी, तस्वीरों में देखिए तबाही का मंजर

Delhi Flood: यमुना के उफान के बाद जब सैलाब ने दिल्ली के रिहायशी इलाकों में घुसपैठ की तो कई इलाकों में सिर्फ पानी ही पानी नजर आने लगा. राजधानी क्षेत्र में कुदरत का कहर बरप रहा है. यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. सैलाब तबाही के निशान छोड़ रहा है. पानी अब यहां रिहायशी इलाकों में घुस रहा है. दिल्ली के आज क्या हालात हैं, पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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दिल्ली में सड़क पर नाव चलती नजर आई. (Photo: Screengrab) दिल्ली में सड़क पर नाव चलती नजर आई. (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

दहाड़ मारती यमुना और पानी-पानी होता दिल्ली का निचला इलाका... यमुना के पानी ने आज कई ठिकानों पर कब्जा कर लिया है. सिविल लाइंस से आईएसबीटी की तरफ जाने वाली सड़कों का हाल बेहाल है. दिल्ली के बेला रोड स्थित स्वामी नारायण मंदिर में चप्पे-चप्पे पर पानी भरा है. उफान मारता पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुंच गया.

पानी निगम बोध घाट में भी घुस चुका है. बाढ़ की वजह से यहां अंतिम संस्कार बंद कर दिया गया है. यहां आ रहे लोगों को पंचकुइयां श्मशान घाट भेजा जा रहा है. आज दिल्ली से सबसे डराने वाली तस्वीर अलीपुर इलाके से आई. यहां भारी बारिश की वजह से एनएच 44 पर बड़ा गड्डा बन गया और उसमें एक ऑटो फंस गया.

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कई रिहायशी और संवेदनशील इलाके पानी में डूब गए हैं. निगम बोध घाट से लेकर गीता कॉलोनी, सिविल लाइंस और सचिवालय तक बाढ़ का पानी फैल चुका है. स्वामीनारायण मंदिर जलमग्न है, वहीं आईएसबीटी और मजनूं का टीला क्षेत्र भी प्रभावित हैं. राजधानी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं और यमुना का सैलाब तबाही के नए निशान छोड़ रहा है.

हिंदू शरणार्थी कैंप्स बाढ़ के पानी से प्रभावित नजर आ रहे हैं. प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है. जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बैराजों से डिस्चार्ज पर नजर रखी जा रही है और पंपिंग के जरिए पानी की निकासी की जा रही है. बावजूद इसके, यमुना का बढ़ता स्तर राजधानी दिल्ली में बाढ़ के खतरे को और गहरा कर रहा है. वहीं मयूर विहार फेज-1 में बनाए गए राहत कैंप भी डूब गए हैं. स्वामी नारायण मंदिर, फुटओवर ब्रिज और सिविल लाइंस इलाके में बंगलों में भी पानी भर चुका है.

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दूसरी ओर, एनएच-44 पर अलीपुर के पास फ्लाईओवर का हिस्सा धंस गया, जिसमें एक वाहन फंस गया और ड्राइवर घायल हो गया. सचिवालय, रिलीफ कैंप और सड़कों तक पानी घुसने से यह साफ है कि राजधानी दिल्ली इस समय बाढ़ के कहर की मार झेल रही है और लोगों के सामने सुरक्षा के साथ-साथ आवाजाही की भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. गीता कॉलोनी में बाढ़ का पानी परिसर में भर जाने से अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं.

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 4 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज (ORB) पर 207.47 मीटर दर्ज किया गया है. वहीं, हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 1,33,995 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि वजीराबाद बैराज से 1,93,090 क्यूसेक और ओखला बैराज से 2,44,478 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया. लगातार बैराजों से हो रहे पानी के बहाव के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है.

दिल्ली सचिवालय के पास यमुना का पानी पहुंच चुका है. यमुना फ्लड प्लेन से सटे दिल्ली सचिवालय के अंडरपास में पानी भर रहा है, जिसे निकालने के लिए Suction पाइप्स भी लगाए गए हैं, लेकिन फिलहाल पानी भरा नजर आ रहा है. इसी के साथ यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कश्मीरी गेट इलाके के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है. ड्रोन से ली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कश्मीरी गेट बस टर्मिनल जलमग्न हो गया है.

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जानकारी के अनुसार, बुधवार तड़के तक यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर पर स्थिर बना हुआ है. देर रात 2 बजे से सुबह 6 बजे तक जलस्तर में न तो इजाफा हुआ और न ही कमी आई. हालांकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जिसके ऊपर नदी फिलहाल बह रही है. रिंग रोड से जुड़ा जमुना मार्ग, जो सिविल लाइन की तरफ जाता है, वहां भारी जलभराव है.

आईटीओ चौराहे पर हालात बिगड़े

सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर देखने को मिल रही है. बता दें कि बुधवार को राजघाट की ओर जाने वाला रास्ता प्रशासन ने एहतियातन बंद किया था. यहां सड़क पर पानी भरने की वजह से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ. रिंग रोड के पास स्थित सरकारी दफ्तरों के बाहर भी पानी भरने से अफरा-तफरी का माहौल है. सीवेज का पानी निकासी न होने से सीधे सड़कों पर फैल रहा है. ऐसे में आने-जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एनएच-44 पर फ्लाईओवर धंसा

बारिश का असर दिल्ली की सड़कों और बुनियादी ढांचे पर भी दिख रहा है. एनएच-44 पर अलीपुर के पास बना फ्लाईओवर धंस गया. हादसे में एक थ्री-व्हीलर फंस गया और उसका ड्राइवर घायल हो गया. हादसे के बावजूद वहां से गुजर रही गाड़ियों की आवाजाही नहीं रुकी. स्थानीय लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर के नीचे की मिट्टी लगातार कट रही है और यदि समय रहते ट्रैफिक रोका नहीं गया तो बड़ा हादसा हो सकता है.

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राहत कैंप भी जलमग्न

स्थिति और खराब तब हो गई, जब राहत के लिए बनाए गए कैंप भी पानी में डूबने लगे. मयूर विहार फेज-1 के पास लगाए गए कई राहत शिविरों में पानी घुस गया है. यहां रह रहे लोग अब दोहरी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं- एक तरफ घरों से विस्थापित होना और दूसरी ओर राहत कैंपों में भी सुरक्षित जगह का न मिलना.

गीता कॉलोनी में अंतिम संस्कार वाली जगह पर भरा पानी. (Photo: ITG)

दिल्ली सचिवालय के पास खतरा

एक वीडियो में देखा गया कि दिल्ली सचिवालय के अंडरपास में तेजी से पानी भर रहा है. यहां से आने वाला पानी सीधे सचिवालय परिसर की ओर बढ़ रहा है, जिससे सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. प्रशासन ने दावा किया है कि लगातार निगरानी रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक डायवर्जन सहित अन्य कदम उठाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें: सचिवालय तक पहुंची बाढ़, पानी ने निगमबोध घाट की दीवार भी तोड़ी... यमुना के जलस्तर ने बढ़ाई दिल्ली की धड़कन

जलभराव से यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है, वहीं सरकारी दफ्तरों, आवासीय कॉलोनियों और बाजारों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आईटीओ चौराहे से लेकर अलीपुर फ्लाईओवर और मयूर विहार तक हालात गंभीर बने हुए हैं. राहत कैंपों तक में पानी घुसने से प्रशासन की तैयारी पर भी सवाल उठ रहे हैं. यदि आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहा तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है.

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(अमित भारद्वाज, सुशांत मेहरा और हिमांशु मिश्रा के इनपुट के साथ)

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