भरी सर्दी और घने कोहरे के बीच आजतक की टीम ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों का दौरा किया. ठंड और कोहरे से बचने के लिए खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग किस तरह से अपना गुज़ारा कर रहे हैं, टीम ने इसकी ज़मीनी हकीकत जानी.
जैसे ही रात के 10 बजे, घने कोहरे की मोटी चादर ने दिल्ली को अपनी गिरफ्त में ले लिया. विज़िबिलिटी 100 मीटर से घटकर 50 मीटर तक पहुंच गई. सड़कों पर चलती गाड़ियां कोहरे में मानो ग़ायब होती नजर आईं. तापमान भी तेजी से गिरा और पारा 10 डिग्री से नीचे लुढ़ककर 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.
इसी बीच आजतक की टीम दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में पहुंची, जहां चारों ओर कोहरे की घनी चादर फैली हुई थी. प्रदूषण की स्थिति भी बेहद गंभीर बनी हुई थी और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया.
इसके बाद आजतक की टीम एम्स अस्पताल के पास पहुंची, जहां कई लोग खुले आसमान के नीचे पतले कंबलों के सहारे रात काटने को मजबूर दिखे. ठंड और कोहरे से बचने के लिए कुछ लोगों ने प्लास्टिक की पतली शीट भी ओढ़ रखी थी, ताकि ओस और ठिठुरन से खुद को बचा सकें.
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कई जगह लोग आग जलाकर हाथ सेंकते भी नजर आए, जबकि दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रैप-3 लागू है, जिसके तहत लकड़ी या आग जलाने पर पाबंदी है.
वहीं, एक डिलीवरी बॉय ने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि वह खाना डिलीवर कर रोज़ करीब 800 रुपये कमा लेता है, लेकिन कड़ाके की ठंड से बचने के लिए उसे कई परतों में कपड़े पहनने पड़ते हैं, जिससे काम करना और भी मुश्किल हो जाता है.
अनमोल नाथ / शशि शर्मा