Delhi Rainfall in Monsoon Season: मॉनसून के दिल्ली पहुंचने से ठीक पहले राजधानी में एमसीडी, एनडीएमसी को नए अफसर मिले है. साथ ही, दिल्ली को उसका नया एलजी भी मिला है. ऐसे में दिल्ली की विभिन्न एजेंसियों के लिए मॉनसून (Monsoon) को लेकर तैयारी करना अहम परीक्षा होगी. जबकि दावा है कि अधिकार क्षेत्र में आने वाले अधिकांश नालों की सफाई हो चुकी है.
एमसीडी का 66 फीसदी काम पूरा
दिल्ली नगर निगम के प्रेस एवं सूचना निदेशालय के निदेशक, अमित कुमार ने नालों की डिसिल्टिंग के बारे में कहा कि नगर निगम ने डिसिल्टिंग का करीब 66% पूरा करते हुए लगभग 60,000 मीट्रिक टन गाद नालों से निकाल ली है. अमित कुमार ने दावा किया कि मॉनसून आने से पहले 15 जून तक ये काम पूरा हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि नालों से निकली गाद को लैंडफिल साइट पर भेजा जाता है जिसकी निगरानी आर.एफ.आई.डी. टैग के माध्यम से की जाती है. यह पूरी प्रक्रिया पूर्णत कंप्यूटरीकृत होने के कारण इसमें मानवीय हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं रहती है. दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी और डीएसआईआईडीसी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से कहा है कि अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई समय से पूरी कर लें.
पीडब्ल्यूडी का 50 फासदी काम पूरा
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 211 जलभराव वाले हॉटस्पॉट की लिस्ट सभी सिविक एजेंसियों को सौंपी है. वहीं, पिछले साल के 147 स्थानों में से 132 हॉटस्पॉट पीडब्ल्यूडी के अधीन हैं. पीडब्ल्यूडी का अभी तक 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी 15 जून तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है.
राजधानी के 57 बड़े नालों की देखरेख करने वाले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 85 फीसदी कीचड़ निकालने का काम पूरा हो चुका है और बाकी अगले दो हफ्ते में कर लिया जाएगा.
बारिश के पानी से दरिया बनने वाले बड़े हॉटस्पॉट
प्रहलादपुर अंडरपास, डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के सामने आईपी एस्टेट, जखीरा फ्लाईओवर के नीचे, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन, लोनी रोड राउंडअबाउट, आजादपुर मार्केट अंडरपास समेत दिल्ली के 200 ऐसे हॉटस्पॉट हैं, जो बारिश के कारण दरिया बन जाते हैं.
राम किंकर सिंह