सुकेश चंद्रशेखर पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में है. करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में दिल्ली की मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर एक के बाद खुलासे किए. सुकेश ने जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर आरोप की बौछार कर दी.
सुकेश ने एलजी को लिखे पत्र में जेल अधिकारियों पर अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन के हाथ की कठपुतली की तरह काम करने का आरोप लगाया है. अपने पत्र में उसने लिखा है कि उसके पास सत्येंद्र जैन, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अहम सबूत हैं जिसकी वजह से उस पर जेल प्रशासन की ओर से दबाव बनाया जा रहा है.
सुकेश ने कहा है कि जेल में अंकित गुर्जर जैसी संदिग्ध मौत के मामले बेहद आम बात है. हमारी सुरक्षा के लिए जांच होने तक हमारा ट्रांसफर दिल्ली की जेल से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड की किसी भी जेल में कर दिया जाए क्योंकि दिल्ली की जेल अरविंद केजरीवाल, सतेंद्र जैन और आम आदमी पार्टी के कंट्रोल में है.
सुकेश ने अपने पत्र में कहा है कि ये हालात तब है जब तिहाड़ का डीजी एक आईपीएस अफसर होता है. हमारा ट्रांसफर ऐस राज्य में कर दिया जाए जहां आम आदमी पार्टी की सरकार न हो. हमें बहुत ज्यादा खतरा है. सुकेश ने दिल्ली के एलजी को लिखे पत्र में खुद के साथ ही पत्नी का भी दिल्ली के बाहर की जेल में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है.
सुकेश चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है कि जेल अधिकारी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने को उसकी पत्नी के साथ गाली-गलौज भी कर रहे हैं. सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी मंडोली जेल नंबर 16 में बंद है. सुकेश चंद्रशेखर भी खुद मंडोली जेल नंबर 14 वार्ड नंबर 1 में अंडर ट्रॉयल कैदी के तौर पर बंद है. सुकेश की ओर से वकील ने भी एलजी को पत्र लिखकर 31 अगस्त को उसके साथ जेल में सीआरपीएफ के जवान पर मारपीट का आरोप लगाया है.
वकील ने ये भी कहा है कि जेल में मारपीट की घटना में सुकेश चोटिल हो गया है. उसका उपचार राम मनोहर लोहिया और जीटीबी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टर ने उसे दर्द घटाने के लिए स्कॉर्टल स्पोर्ट पहनने की सलाह दी है. वकील ने सुकेश और उसकी पत्नी के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मांग की है कि दोनों को दिल्ली के बाहर की किसी जेल में शिफ्ट कर दिया जाए. उसे देशभर में कहीं की भी जेल में शिफ्ट कर दिया जाए जो दिल्ली के डीजी जेल के नियंत्रण से बाहर हो.
अरविंद ओझा