दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि देश दुनिया के साथ- साथ दिल्ली में कोरोना की वजह से पढ़ाई का काफ़ी गैप हो गया है. हमने इस लर्निंग गैप को भरने के लिए एक खास रणनीति बनाई है. अगले 3 महीने तक लर्निंग गैप को भरने का काम किया जाएगा. इसी मकसद के साथ दिल्ली सरकार के स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग बुलाई गयी है. पेरेंट्स इस बात को समझें कि 2 साल में बहुत नुकसान हुआ है. इसलिए स्टूडेंट्स के भीतर मौजूद मानसिक तनाव को दूर करने का काम भी अगले 3 महीने में किया जाएगा.
दिल्ली सरकार के स्कूल की इस मीटिंग में आए एक अभिभावक अजीत सिंह ने शिक्षा मंत्री को बताया कि ऑफ लाइन क्लास में बच्चे एक्टिव रहते हैं और डायरेक्ट टीचर से सवाल पूछ लेते हैं. वहीं, 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली श्रद्धा ने बताया कि ऑनलाइन क्लास में नेटवर्क खराब होने की वजह से पढ़ाई का नुकसान होता था जबकि ऑफ लाइन क्लास में टीचर की बात आसानी से समझ आ जाती है.
वहीं स्टूडेंट्स की बात सुन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 'आजतक' से कहा कि दुनिया की सबसे बढ़िया तकनीक भी ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई को सुनिश्चित नहीं कर सकती है. एक इंसान का दूसरे इंसान के साथ बैठकर सीखने का कोई अन्य विकल्प नहीं हो सकता है.
दिल्ली के स्कूलों में 1 अप्रैल से ऑनलाइन क्लास पूरी तरह खत्म कर दी गयी हैं. पिछले 2 साल में कोरोना की दस्तक के बाद यह पहली बार है जब पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन किया गया है. मीटिंग में टीचर, पेरेंट्स और स्टूडेंट्स से मनीष सिसोदिया ने कोरोना काल के अनुभव भी जाने. इसके अलावा सिसोदिया ने बच्चों से पूछा कि उन्हें स्कूल आने में डर तो नहीं लग रहा है. स्कूल टीचर ने बताया कि पेरेंट्स भी स्कूल आकर खुश हैं. ऑनलाइन क्लास की वजह से खाली हुई इमारतें स्टूडेंट्स के बिना सूनी थी लेकिन एक बार फिर से स्कूल खिलखिला रहे हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली में अब मास्क न पहनने पर चालान नहीं काटा जायेगा. मनीष सिसोदिया ने नए नियमों के बारे में कहा कि कोरोना से मुक्ति मिल रही है. हालांकि थोड़ा असर है लेकिन मास्क पहनना अब बहुत जरूरी नहीं है. साथ ही जहां सुरक्षा जरुरी हो वहां मॉस्क जरूर पहने.
पंकज जैन