पेड़ों की अवैध कटाई मामला: AAP और उपराज्यपाल में तकरार, सौरभ भारद्वाज ने LG को दी खुली बहस की चुनौती

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी विनय सक्सेना को साउथ दिल्ली के रिज इलाके (संरक्षित क्षेत्र) में पेड़ों की कटाई मामले में खुली बहस की चुनौती दी हैं. आप नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी यह बात सिद्ध हो गई, उपराज्यपाल 3 फरवरी 2024 को उसी जगह पर दौरा करने गए थे, जहां पर यह 1100 पेड़ गैरकानूनी तरीके से काटे गए हैं. उन्हें LG हाउस की दीवारों के पीछे न छुपें, जगह और समय बताएं और मीडिया के सामने आकर चर्चा करें.

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सौरभ भारद्वाज और वीके सक्सेना. (फाइल फोटो) सौरभ भारद्वाज और वीके सक्सेना. (फाइल फोटो)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

साउथ दिल्ली के रिज इलाके (संरक्षित क्षेत्र) में पेड़ों की कटाई मामले में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने एलजी विनय सक्सेना को इस मुद्दे पर डिबेट के लिए खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि विनय कुमार सक्सेना LG हाउस की दीवारों के पीछे न छुपें, जगह और समय बताएं और मीडिया के सामने आकर चर्चा करें.

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AAP मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में पेड़ काटने वाली कंपनी द्वारा दाखिल हल्फनामे का हवाला देते हुए LG पर निशाना साधा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक ईमेल के मुताबिक भाजपा द्वारा तैनात LG विनय कुमार सक्सेना ने पेड़ काटने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि भाजपा और LG दिल्ली के दुश्मन हैं, LG को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में भी यह बात सिद्ध हो गई, उपराज्यपाल 3 फरवरी 2024 को उसी जगह पर दौरा करने गए थे, जहां पर यह 1100 पेड़ गैरकानूनी तरीके से काटे गए हैं. जबकि पहले दिन से लेकर आज तक डीडीए विभाग तथा अन्य विभाग इस बात को गोल-गोल घुमा रहे थे और यह कहा जा रहा था कि उपराज्यपाल उस रिज एरिया का नहीं बल्कि हॉस्पिटल का दौरा करने गए थे.

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LG कोर्ट को भी किया गुमराह: आप नेता

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अधिकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का काम किया जा रहा है. दिल्ली के उपराज्यपाल को एक प्रेस वार्ता करनी चाहिए और दिल्ली की जनता को इस बात का जवाब देना चाहिए कि आपको कैसे नहीं पता था कि पेड़ काटने के लिए ट्री ऑफिसर की अनुमति की आवश्यकता होती है?

उन्होंने पूरे प्रकरण पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि वह आला अधिकारी जो की छोटी-छोटी बातों का मुद्दा बनाकर दिल्ली के मंत्रियों के खिलाफ 6 पेज के पत्र लिखते हैं. उनमें से किसी एक में भी इतनी-सी हिम्मत नहीं हुई कि वह एलजी को यह बता सके. इन पेड़ों को काटने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है और पेड़ों की काटने की अनुमति नहीं है तो ये पेड़ नहीं काटे जा सकते. इस प्रकरण से इस बात को समझ सकते हैं कि इन बड़े-बड़े आईएएस अधिकारियों की उप राज्यपाल के सामने क्या हैसियत है.

'अधिकारियों पर अब तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई'

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं उपराज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि अब तो उन्हें भी इस बात का इल्म हो गया है कि सतबड़ी रिज एरिया में जो पेड़ काटे गए वह गैर कानूनी तरीके से काटे गए हैं तो अभी तक उन्होंने मुख्य सचिव, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, डीडीए के मेंबर इंजीनियरिंग और उन तमाम आला अधिकारी जो दौर में उनके साथ थे. उन्होंने अब तक निलंबित क्यों नहीं किया? 

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उन्होंने कहा कि यदि इन अधिकारियों ने उपराज्यपाल को गुमराह किया होता तो अब तक यह सभी अधिकारी निलंबित कर दिए गए होते, पर ऐसा नहीं हुआ. इसका अर्थ यह है कि यह सभी लोग मिले हुए हैं.

क्या है मामला

यह मामला डीडीए द्वारा सैकड़ों से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ा है जो अदालत के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है, जिसके अनुसार ऐसी कार्रवाई करने से पहले अदालत से अनुमति लेना आवश्यक है. आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल के निर्देश पर डीडीए ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ काटे हैं.

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