'तीसरी-चौथी बीवी बनो तभी तुम पर इन्वेस्ट करेंगे', सृष्टि से मरियम बनी आगरा धर्मांतरण पीड़िता की आपबीती

देहरादून की सृष्टि उर्फ मरियम ने आगरा के धर्मांतरण गैंग की पोल खोली है. फेसबुक पर दोस्ती, इस्लाम कबूलने का दबाव, तीसरी-चौथी बीवी बनने का लालच, फोन-सिम तोड़वाना, और विदेशी फंडिंग जैसे राज इस गवाही से उजागर हुए हैं. छांगुर बाबा, आयशा, अब्दुल रहमान और नीतू जैसे आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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युवती ने किया धर्मांतरण गैंग की साजिश का खुलासा (Photo: ITG) युवती ने किया धर्मांतरण गैंग की साजिश का खुलासा (Photo: ITG)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली ,
  • 25 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST

आज तक ने छांगुर बाबा और उसके धर्मांतरण गैंग की एक पीड़िता, सृष्टि उर्फ मरियम, से बात की है, जिसकी गवाही इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य बनकर सामने आई है. यह गवाही उजागर करती है कि छांगुर बाबा और उसका गैंग अवैध धर्मांतरण को कैसे अंजाम देता था और हिंदू लड़कियों को जबरन मुसलमान बनाने की साजिश रचता था.

इस खुलासे से यह भी स्पष्ट होता है कि हिंदू से मुस्लिम बनी लड़कियों का विदेशों में प्रचार कर विदेशी फंडिंग हासिल की जाती थी. छांगुर बाबा और उसकी करीबी नीतू जेल में हैं, लेकिन सृष्टि की गवाही देशभर में फैले धर्मांतरण के 'स्लीपर सेल' को भी बेनकाब करती है.

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सृष्टि की आपबीती: धर्मांतरण गैंग की साजिश का खुलासा

देहरादून की सृष्टि धर्मांतरण गैंग की चपेट में आ गई थी, जहां उसका नाम बदलकर मरियम रखा गया. अब वह इस गैंग के चंगुल से बाहर आ चुकी है और उसने हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की खौफनाक सच्चाई का खुलासा किया है.

सृष्टि उर्फ मरियम बताती हैं, 'मुझसे तालिब ने फेसबुक के जरिए संपर्क किया. उसने मुझे अपने धर्म की बातें बताईं. मैंने इस्लाम के बारे में जानकारी ली. बाद में उसने मुझ पर शादी के लिए दबाव बनाया. 2020 से हमारी बात शुरू हुई. धीरे-धीरे उसने मुझे अपनी बहन सुमैया, सफीया, आयशा और अब्दुल रहमान से मिलवाया.'

सृष्टि आगे कहती हैं, 'आयशा ने मेरी आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर मुझे बेहतर रहन-सहन और सुरक्षा का लालच दिया. उसने कहा कि इसके लिए मुझे इस्लाम कबूल करना होगा और किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी पत्नी बनना होगा. तभी मेरे ऊपर 'इन्वेस्ट' किया जाएगा, वरना नहीं.'

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आगरा पुलिस की कार्रवाई और स्लीपर सेल का खुलासा

आगरा पुलिस ने सात राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, दिल्ली, और उत्तर प्रदेश (बरेली, अलीगढ़, रायबरेली, गाजियाबाद) की दर्जनों लड़कियों का पता लगाया और उनकी काउंसलिंग कराई. जब देहरादून की सृष्टि धर्मांतरण गैंग के चंगुल से निकली, तो उसने इस स्लीपर सेल का पर्दाफाश किया. सृष्टि ने कैमरे पर गैंग के एक-एक किरदार का खुलासा किया, जिसमें बताया गया कि कैसे हिंदू लड़कियों को पहले सोशल मीडिया पर फंसाया जाता है और फिर उन्हें तीसरी या चौथी पत्नी बनने का प्रस्ताव दिया जाता है.

इसके अलावा सृष्टि ने बताया, 'मुझे कई ग्रुप में जोड़ा गया. जावेद, अब्दुल रहमान उर्फ रूपेंद्र प्रताप, और दिल्ली के एक अन्य अब्दुल रहमान से मेरा संपर्क कराया गया. मुझे कहा गया कि अगर मैं इनमें से किसी की दूसरी या तीसरी पत्नी बनूंगी, तभी मेरी मदद की जाएगी और इस्लामिक नियमों का पालन करना होगा.'

दिल्ली की धर्मांतरण फैक्ट्री पर ताला

आगरा पुलिस ने दिल्ली में संचालित अब्दुल रहमान की धर्मांतरण फैक्ट्री पर ताला लगा दिया है. सृष्टि ने इसी अब्दुल रहमान के बारे में विस्फोटक खुलासे किए हैं. वह बताती हैं, 'झारखंड के अयान ने मुझे कहा कि घर से निकलने के लिए मुझे चौक तक खुद जाना होगा. वहां से कैब की व्यवस्था होगी, जो मुझे देहरादून छोड़ेगी. देहरादून से एक लड़का मुझे दिल्ली ले जाएगा. दिल्ली में 10-12 घंटे की यात्रा के बाद मुझे किसी जगह छोड़ दिया जाएगा. जब मैंने मना किया, तो अब्दुल रहमान उर्फ रूपेंद्र प्रताप ने कहा कि वह मेरी मदद तभी करेंगे, जब मैं तीसरी या चौथी शादी के लिए तैयार होऊं. मैंने इनकार कर दिया.'

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जिहादी टीचर आयशा की भूमिका

सृष्टि ने अब्दुल रहमान गैंग की जिहादी टीचर आयशा के बारे में भी खुलासा किया. आयशा 18 साल से ऊपर की लड़कियों को निशाना बनाती थी और जिहाद का पाठ पढ़ाकर उनका ब्रेनवॉश करती थी. सृष्टि ने बताया, "ये लोग मुझसे मेरा फोन और सिम तोड़वाते थे. आयशा कई नंबरों का इस्तेमाल करती थी. वह सेकेंड-हैंड कीपैड फोन और 4-5 हजार रुपये की फेक सिम खरीदती थी. मुझे फोन तोड़कर पानी में डुबाने की विधि सिखाई गई. मैंने ये सब किया, लेकिन घर से बाहर नहीं निकली, इसलिए उन्होंने मेरी मदद नहीं की."

विदेशी फंडिंग का खेल

सृष्टि ने खुलासा किया कि गैंग पहले हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाता था, फिर उन्हें तीसरी या चौथी पत्नी बनाकर विदेश भेजता था. वहां इन लड़कियों को हिंदू से मुस्लिम बनने की कहानी दिखाकर विदेशी फंडिंग हासिल की जाती थी. सृष्टि ने बताया, 'मुझसे कलमा पढ़वाया गया और इस्लामिक नामों की लिस्ट दी गई, ताकि मैं कोई नाम चुन सकूं. फिर मुझसे वॉयस नोट मांगा गया, जिसे विदेश भेजकर यह दिखाया जाता था कि मैं मरियम बन चुकी हूं. इसके जरिए फंडिंग जुटाई जाती थी.'

पुलिस की कार्रवाई और सृष्टि की गवाही का महत्व आगरा पुलिस ने अब्दुल रहमान और उसके गुर्गों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. गोवा से आयशा को गिरफ्तार किया गया, और उसके मोबाइल से जिहाद फैलाने वाले वीडियो बरामद हुए हैं. सृष्टि की गवाही ने इस गैंग के हर किरदार को बेनकाब कर दिया है. यह गवाही न केवल धर्मांतरण नेटवर्क के स्लीपर सेल को तोड़ने में मददगार होगी, बल्कि उन लड़कियों को खोजने में भी सहायक होगी, जो इस गैंग के चंगुल में फंसकर गायब हो चुकी हैं.

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