हाल में ही दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों का मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा. हो भी क्यों न. देश के सबसे उच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट तक कुत्तों का मामला पहुंच गया. अगस्त में कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए थे, जिसमें आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी और टीकाकरण करना, रैबिज वाले कुत्तों के लिए आश्रय स्थल जैसे बातें शामिल थीं. कोर्ट ने पब्लिक प्लेस पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई.
अब दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने भी आवारा कुत्तों पर नकेल कसने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. सरकार का मकसद है कि आवारा कुत्तों की आबादी पर नकेल कसा जाए, रैबिज जैसी बीमारियों को खत्म करना और सबसे अहम कुत्तों और मनुष्यों के बीच होने वाले टकराव को कम करना.
सरकार की नई गाइडलाइन इस बात पर जोर देती है कि आवारा कुत्तों का देखभाल का प्रबंधन बेहद ध्यान से, साफ़-सफाई, सुरक्षा और जिम्मेदारी के साथ किया जाए.
आइए जानते हैं कि नए गाइडलाइन में क्या-क्या है?
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सरकार की ओर से लाए गए नए गाइडलाइन का उद्देश्य आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करना ताकि वह स्वस्थ रहें और इंसानों को कुत्ते से होने वाली बीमारियों के खतरे को दूर किया जाए.
सुशांत मेहरा