आर्यन केस में PFI की एंट्री, कहा- वे शाहरुख के बेटे हैं, सोचिए.... इन एजेंसियों के शिकार निर्दोष मुसलमानों की स्थिति क्या होगी

एनसीबी ने शुक्रवार को कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. इसमें आर्यन खान का नाम नहीं है. इस मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद ने प्रतिक्रिया दी है. PFI एक इस्लामिक संगठन है, जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी. PFI पर अक्सर देशविरोधी गतिविधि में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं.

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आर्यन खान और अनीस अहमद. -फाइल फोटो आर्यन खान और अनीस अहमद. -फाइल फोटो

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:09 PM IST
  • ज्ञानवापी मस्जिद मामले में PFI ने दी है प्रतिक्रिया
  • कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया

ड्रग केस में आर्यन खान को क्लीनचिट मिलने के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की प्रतिक्रिया सामने आई है. पीएफआई की ओर से कहा गया है कि आर्यन खान शाहरुख खान के बेटे हैं, सोचिए निर्दोष मुस्लिमों की क्या स्थिति होगी, उनके साथ क्या होता होगा.

पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया. अनीस ने कहा कि आर्यन खान खुशकिस्मत हैं कि वह शाहरुख खान के बेटे हैं. शाहरुख खान अच्छे से अच्छे वकील की फीस का खर्च उठा सकते थे लेकिन जरा सोचिए कि इन एजेंसियों के शिकार कितने निर्दोष मुसलमानों की स्थिति क्या होगी.

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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में PFI ने दी है प्रतिक्रिया

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को ही कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई की ओर से ज्ञानवापी मामले में भी प्रतिक्रिया दी गई थी. संगठन की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद पर किसी भी कार्रवाई का विरोध करने का ऐलान कर दिया गया है. संगठन की ओर से सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि कोर्ट को काशी-मथुरा पर याचिका मंजूर नहीं करना चाहिए.

प्रतिबंधित संगठन सिमी के फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन पीएफआई ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाने के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को भी निराशाजनक बताते हुए कहा है कि कोर्ट 1991 के वर्शिप एक्ट का ध्यान रखते हुए याचिका स्वीकार न करे. पीएफआई ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकार के साथ ही असम पुलिस पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है. PFI ने कहा है कि जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार है, वहां मुसलमान निशाने पर हैं.

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क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है. 

PFI में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है. हालांकि, दावा करता है कि 20 राज्यों में उसकी यूनिट है. शुरुआत में PFI का हेडक्वार्टर केरल के कोझिकोड में था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली शिफ्ट कर लिया गया. ओएमए सलाम इसके अध्यक्ष हैं और ईएम अब्दुल रहीमान उपाध्यक्ष. 

PFI की अपनी यूनिफॉर्म भी है. हर साल 15 अगस्त को PFI फ्रीडम परेड का आयोजन करता है. 2013 में केरल सरकार ने इस परेड पर रोक लगा दी थी. वो इसलिए क्योंकि PFI की यूनिफॉर्म में पुलिस की वर्दी की तरह ही सितारे और एम्बलम लगे हैं.

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