ठंड के आरंभ के साथ दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीली हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 352 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है. यह स्तर 29 अक्टूबर के औसत से लगभग 80 अंक अधिक है.
राजधानी में गुरुवार सुबह से ही मोटी धुंध की परत छाई रही. हवा में धूल और धुआं इतना घुल चुका है कि लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार, इस अचानक बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं. ठंडी और स्थिर हवाएं, औद्योगिक उत्सर्जन, और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं. रात के समय जब हवा की गति बहुत धीमी हो जाती है, तब प्रदूषक कण ऊपर नहीं जा पाते और शहर के ऊपर जम जाते हैं. इसी कारण सुबह के वक्त प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है.
गरुवार सुबह, आनंद विहार में तो स्थिति बेहद बुरी रही. यहां AQI 409 तक पहुंच गया. ओखला फेज-2 में 353, नेररू नगर में 368, नोएडा सेक्टर 125 में 409, नोएडा सेक्टर 1 में 362 AQI तक पहुंच गया.
दिल्ली-NCR की हवा पर भी असर
दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच चुकी है. प्रदूषण का यह असर पूरे एनसीआर क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है.
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सरकार के कदम और लोगों की चिंता
दिल्ली सरकार ने हालात को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण के उपाय तेज़ कर दिए हैं. सड़कों पर पानी का छिड़काव और गाड़ियों की जांच जैसे कदम उठाए गए हैं.
लोगों को मास्क पहनने और ज़रूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है. स्कूलों में भी प्रदूषण अलर्ट जारी कर दिया गया है.
अमित भारद्वाज