संजय सिंह को मिलेगी बेल या अभी जेल में ही कटेंगे दिन? आज आएगा दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट में बहस के दौरान ED ने संजय सिंह की जमानत का यह कहते हुए विरोध किया है कि AAP के राज्यसभा सांसद ने ही इस कथित अपराध से हुई काली कमाई को सफेद करने के लिए कंपनी बनाई थी. यह काला धन दिल्ली की विवादास्पद आबकारी नीति के जरिए हुए कारोबार से आया था.

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आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह. (PTI Photo) आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह. (PTI Photo)

संजय शर्मा / सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:47 AM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय कथित शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह की नियमित जमानत याचिका पर आज फैसला सुनाएगा. मामले में संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 4 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था. न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने इस केस में 31 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने अदालत में संजय सिंह की ओर से पेश हुए, जबकि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने रखा. 

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दिल्ली हाई कोर्ट में बहस के दौरान ED ने संजय सिंह की जमानत का यह कहते हुए विरोध किया है कि AAP के राज्यसभा सांसद ने ही इस कथित अपराध से हुई काली कमाई को सफेद करने के लिए कंपनी बनाई थी. यह काला धन दिल्ली की विवादास्पद आबकारी नीति के जरिए हुए कारोबार से आया था. संजय सिंह को इसी विवादित आबकारी शुल्क नीति की आड़ में हुए घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है. ईडी के वकील ने अदालत में कहा कि संजय सिंह 2021-22 में आई दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित घोटाले से हुई अपराध की आय को रखने, छिपाने, उपयोग करने और लेने-देने में शामिल रहे हैं.

संजय सिंह पर ईडी ने कोर्ट में क्या आरोप लगाए हैं?

ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि संजय सिंह को इस कथित अपराध से 2 करोड़ रुपये मिले हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि संजय सिंह के पास इस मामले की जांच से संबंधित कुछ गोपनीय दस्तावेज हैं, जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं हैं. उसके मुताबिक, '4 अक्टूबर, 2023 को AAP के राज्यसभा सांसद के परिसरों पर की गई तलाशी के दौरान, कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले, जो ईडी ऑफिस में खींची गई तस्वीरों के प्रिंट हैं, जिन्हें उन्होंने अवैध रूप से प्राप्त किए थे'. ईडी ने कोर्ट से कहा कि संजय सिंह दिल्ली शराब घोटाले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक हैं. वह इस मामले में कई आरोपियों/संदिग्धों के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं.

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संजय सिंह ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि वह कथित शराब घोटाले में दर्ज सीबीआई के केस में न तो आरोपी हैं और न ही संदिग्ध हैं, जिसमें 17 अगस्त, 2022 से जांच जारी है और तीन चार्जशीट/सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद, आज तक उनके खिलाफ कुछ भी सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा है कि वह किसी भी आपराधिक या गलत काम या किसी भी तरह से पीएमएलए के प्रावधानों के उल्लंघन के दोषी नहीं हैं और इसलिए कोर्ट को उनके खिलाफ ईडी द्वारा दर्ज झूठे, दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित मामले में संरक्षण प्रदान करना चाहिए.

अदालत ने संजय सिंह को लेकर क्या टिप्पणी की थी?

इससे पहले 22 दिसंबर, 2023 को ट्रायल कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत खारिज करते हुए टिप्पणी की थी, 'अदालत का प्रथम दृष्टया विचार है कि उनके खिलाफ मामला वास्तविक है. सबूत मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं. हमारे पास ऐसा मानने के लिए उचित आधार है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध के दोषी हैं. जांच एजेंसी द्वारा पेश सबूत और सामग्री भी इस अदालत को यह विश्वास करने के लिए उचित आधार प्रदान करने के लिए पर्याप्त हैं कि वह पीएमएलए की धारा 45 के तहत निहित प्रावधानों के संदर्भ में उक्त अपराध के दोषी हैं. यह कहा जा सकता है कि उन्हें जमानत देने के लिए धारा 45 द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी नहीं होती हैं'.

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