PFI के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन, UP-एमपी, बिहार समेत 17 ठिकानों पर एक साथ मारा छापा

भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है. जांच एजेंसी ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

जितेंद्र बहादुर सिंह

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  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है. जांच एजेंसी ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है.

आरोप है कि PFI के कई ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियों में अपना कदम बढ़ा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक पीएफआई पर प्रतिबंध लगने और इसके शीर्ष नेताओं के जेल जाने के बाद संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं को दोबारा संगठित और मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है.

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एनआईए की टीम ने बिहार के मोतिहारी जिले में भी दस्तक दी है. टीम ने चकिया के कुंआवा गांव में छापेमारी की है. छापा कुंववा गांव के सज्जाद अंसारी के घर पर मचा. सज्जाद पिछले 14 महीनों से दुबई में नौकरी कर रहा है. यह एक्शन पहले ही गिरफ्तार हो चुके हरपुर किशुनी निवासी इरशाद की निशानदेही पर हुई है. एनआईए की टीम छापेमारी के दौरान सज्जाद का आधार ,पैन कार्ड और अन्य कागजात साथ ले गई है.

बता दें कि पिछले साल 2022 में केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन किया था. केंद्र ने संगठन पर 5 साल का बैन लगाया है. दरअसल, कई राज्यों ने PFI को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. 

केंद्र ने PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन पर भी बैन लगाया गया था. इसके पहले भी NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं.

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इससे पहले 2022 में 22 सितंबर और 27 सितंबर को NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 247 लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए थे. जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया था.

15 राज्यों में एक्टिव है PFI

पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है.

कैसे हुई पीएफआई की शुरुआत?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है. PFI में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है.

(इनपुट: सचिन)

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