आम आदमी पार्टी में राज्यसभा सीटों पर घमासान थम नहीं रहा है. पार्टी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने बीते दिन कुमार विश्वास पर पार्टी तोड़ने के आरोप लगाए थे. अब शुक्रवार सुबह कुमार विश्वास ने गोपाल राय पर करारा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मेरे शव के साथ छेड़छाड़ ना करें, मुझे पता है इस माहिष्मति की शिवगामी कोई और है. हर बार नए कटप्पा को पेश किया जाता है.
कुमार विश्वास ने काफी रचनात्मक तरीके से गोपाल राय पर वार किया. उन्होंने कहा कि गोपाल राय, पांच राज्यों के प्रभारी, विधायक, मंत्री, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, प्रवक्ता ऐसे करीब नौ पदों पर तैनात हैं. 7 महीने बाद वे नींद से जागे हैं. अभी गुप्ताओं की तरफ से जो योगदान मिला है, उसका आनंद लेना चाहिए.
कुमार ने कहा कि पिछली बार बाबरपुर में रैलियां कर मैंने गोपाल राय को जितवाया था, अब वे सुशील गुप्ता से रैलियां करवाएं. सांसद बनें, प्रधानमंत्री बनें, मैं तो चाहता हूं कि सयुंक्त राष्ट्र के अध्यक्ष बन जाएं और किम जोंग उन से शांति की बात करें.
आपको बता दें कि राज्यसभा के लिए संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता के नामों का ऐलान होने के बाद से आम आदमी पार्टी (AAP) में जारी घमासान गहराता जा रहा है. गुरुवार को गोपाल राय ने कुमार विश्वास पर पार्टी को तोड़ने की कोशिश करने का सनसनीखेज आरोप लगाया था.
AAP नेता गोपाल राय ने कहा कि कुमार ने विधायकों के साथ मिलकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि क्या पार्टी को तोड़ने वाले को राज्यसभा भेज देना चाहिए?
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार में पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने सुरेंद्र कोली की मां को राज्यसभा भेजने की मांग की है. कपिल मिश्रा ने गुरुवार को आप राज्यसभा उम्मीदवारों के विरोध में राजघाट पर मौन व्रत भी रखा था.
टिकट नहीं मिलने पर कुमार ने सीधे केजरीवाल पर बोला था हमला
राज्यसभा के लिए नहीं चुने जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार विश्वास ने AAP के संयोजक केजरीवाल पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, ''सब अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. आप अपनी लड़ रहे हैं. मैं अपनी लड़ रहा हूं.''
उन्होंने कहा, ''मैं बहुत शुभकामाएं देता हूं, जिनको रामलीला मैदान के लिए चुना है. मैं अरविंद और पूरी पार्टी जिन लोगों ने तय किया है उनको बधाई देता हूं. नवनीत बना कर भेजा है देश के सर्वोच्च सदन में जहां अटल और इंदिरा की आवाज गूंजी है.'' कुमार ने कहा कि नैतिक रूप से एक कवि, मित्र और आंदोलनकारी की जीत हुई है.
मोहित ग्रोवर / मणिदीप शर्मा