दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को जहां पत्थर चले थे, वहीं पर बुधवार को बुलडोजर का लाइव एक्शन चला. कई अवैध दुकानें तोड़ दी गईं. एक तरफ एमसीडी का बुलडोजर चल रहा था तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी. कोर्ट ने इलाके में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, लेकिन आदेश पहुंचते-पहुंचते वक्त गया और तब तक बुलडोजर कई अवैध निर्माणों का सफाया कर चुका था.
बुधवार को जहांगीरपुरी में एमसीडी की यह कार्रवाई लगभग 2 घंटे तक चली. एमसीडी के अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान फुटपाथ पर बने अस्थायी खोखे व छप्पर को बुलडोजर की सहायता से हटा दिया.
अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए एमसीडी के 7 बुलडोजर पहुंचे थे. अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान निगम द्वारा 8 ट्रक और 4 मिनी टाटा ट्रक को तैनात किया गया था. इसके साथ ही 70-80 कर्मचारी व निगम के अधिकारी इस कार्रवाई के दौरान वहां पर मौजूद थे.
2 किलोमीटर की सड़क को किया अतिक्रमण मुक्त
कार्रवाई के दौरान कुशल सिनेमा के पास लगभग 2 किलोमीटर सड़क को अतिक्रमण मुक्त किया गया. अतिक्रमण हटाने के दौरान नगर निगम ने 25 से ज्यादा सामान को जब्त किया. इसके साथ ही ट्रकों की मदद से लगभग 20 टन कूड़ा हटाया गया. इस कार्रवाई में 12 अवैध दुकानों को तोड़ा गया.
माना जा रहा है कि जहांगीरपुरी में ही नहीं पूरी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ इस लेवल की मुहिम शायद ही पहले कभी चली हो, जिसमें एक साथ कई सड़कों को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कर दिया हो.
जहांगीरपुरी में पहले भी हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसी साल 2 फरवरी को प्रयास से कुशल सिनेमा रोड और आसपास के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए एमसीडी कार्रवाई कर चुकी है. इस दौरान लगभग 1850 किलोमीटर की जगह को खाली करवाया गया था. 17 फरवरी को बी और सी ब्लॉक जहांगीरपुरी और आसपास के क्षेत्र में लगभग 1500 किलोमीटर क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया गया था.
हिंसा के कुछ दिन पहले भी हुई थी अतिक्रमण पर कार्रवाई
जिस जगह पर हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी में हिंसा हुई थी, उसी जगह से 11 अप्रैल को एमसीडी से अवैध अतिक्रमण हटाया था. आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक 11 अप्रैल को हुई कार्रवाई में एमसीडी ने 1800 किलोमीटर क्षेत्र को खाली करवाया था. इस दौरान 13 से ज्यादा चीजों को जब्त किया गया था.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि जनवरी माह में 55, फरवरी में 62, मार्च में 52 और अप्रैल में लगभग 40 अतिक्रमण अभियान विभिन्न क्षेत्रों में चलाए गए हैं. वहीं, उत्तरी दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाने का अभियान उत्तरी दिल्ली नगर निगम की एक नियमित प्रक्रिया है.
अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कहते हैं नियम
बता दें कि सार्वजनिक सड़कों पर इस तरह के अतिक्रमण हटाने के अभियान स्थानीय पुलिस को पूर्व सूचना के साथ एमसीडी अधिनियम, 1957 की धारा 321/322/323/325 के तहत निगम द्वारा सभी वार्डों/जोनों में नियमित रूप से नोटिस /बिना नोटिस के नियमित रूप से किए जाते हैं.
राम किंकर सिंह