रेड जोन में दिल्ली! प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन, कई लोग हिरासत में

दिल्ली में वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए लोगों ने आज इंडिया गेट पर मार्च किया. इसमें आम आमदी पार्टी और कांग्रेस के नेता भी शामिल हुए. लोगों ने सरकार से ठोस नीति बनाने और प्रदूषण पर नियंत्रण की मांग की. वायु गुणवत्ता आयोग ने जानकारी दी है कि अभी राजधानी में ग्रैप-3 लागू नहीं किया जाएगा.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया (Photo: AFP) सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया (Photo: AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

Delhi protest at India Gate against air pollution: देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है. अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से भी ऊपर चला गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है.

रविवार को सुबह 10 बजे दिल्ली का औसत AQI 391 था, जो शाम 4 बजे घटकर 370 और 5 बजे और सुधारते हुए 365 पर पहुंच गया. दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल GRAP-3 लागू नहीं किया जाएगा, वायु गुणवत्ता आयोग ने कहा कि हालात ‘बेहद खराब’ श्रेणी में स्थिर हैं लेकिन सुधार के संकेत हैं. 

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शाम को लोगों ने प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन किया. इस विरोध में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हुए.

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लोगों ने आवाज किया बुलंद (Photo: AP)

उन्होंने इंडिया गेट की ओर मार्च निकालते हुए सरकार से मांग की कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस और असरदार नीतियां बनाई जाएं.

पुलिस ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इंडिया गेट प्रदर्शन स्थल नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि राजधानी में प्रदर्शन के लिए केवल जंतर मंतर को अधिकृत स्थान के रूप में तय किया गया है.

पुलिस ने कई को हिरासत में लिया (Photo: AFP)


इसलिए पुलिस ने लोगों को जंतर मंतर की ओर जाने के लिए कहा और नियमों का उल्लंघन करने वाले कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया.

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स्थायी समाधान की मांग उठी

दिल्ली के एक निवासी ने कहा कि राजधानी की हवा अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बढ़ रहा है और लोग सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं. निवासी का कहना है कि सरकार लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने तक नहीं दे रही, बल्कि उन्हें जबरदस्ती हटाया जा रहा है.

दिल्ली प्रदूषण पर विरोध तेज (Photo: AP)

उन्होंने नाराजगी जताई कि आम लोग प्रदूषण से बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं, लेकिन सरकार अब भी कोई ठोस नीति नहीं बना रही है. उनके अनुसार, सरकार प्रदूषण के असली आंकड़े छिपा रही है और दिखावे के लिए सिर्फ डेटा सेंटरों पर पानी छिड़कवाने जैसे कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि ‘क्लाउड सीडिंग’ यानी कृत्रिम बारिश का प्रयोग भी बेअसर रहा और यह कोई स्थायी समाधान नहीं है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में जहरीली हुई हवा, "दिल्ली में जहरीली हुई हवा, कई इलाकों में AQI 400 के पार, अब 'रेड जोन' में राजधानी

राहुल गांधी बोले – ‘स्वच्छ हवा का अधिकार हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, सरकार जनता की आवाज दबा रही है’

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और सरकार के रवैये पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ हवा में सांस लेना हर नागरिक का बुनियादी मानव अधिकार है, और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना भारतीय संविधान द्वारा दिया गया मौलिक अधिकार है. 

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राहुल गांधी ने सवाल उठाया, “जो लोग स्वच्छ हवा की मांग कर रहे हैं, उन्हें अपराधी की तरह क्यों पेश किया जा रहा है?” उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण करोड़ों भारतीयों को प्रभावित कर रहा है, बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है और देश के भविष्य को खतरे में डाल रहा है.

उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “जिस सरकार ने ‘वोट चोरी’ करके सत्ता हासिल की, वह जनता की परेशानियों के प्रति पूरी तरह उदासीन है. सरकार न तो इस संकट को गंभीरता से ले रही है, और न ही कोई ठोस कदम उठा रही है.”

राहुल गांधी ने कहा कि अब वक्त है कि प्रदूषण पर निर्णायक कार्रवाई की जाए, न कि उन नागरिकों पर हमला किया जाए जो सिर्फ साफ हवा में सांस लेने की मांग कर रहे हैं.

AAP ने प्रदूषण को लेकर बीजेपी पर 'डेटा में हेराफेरी' का आरोप लगाया

दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रमुख सौरभ भारद्वाज भी इंडिया गेट पहुंचे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या दिल्ली में लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन पहली बार बुद्धिजीवी वर्ग इस तरह सड़कों पर उतरकर विरोध जता रहा है.

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9 नवंबर शाम 7 बजे दिल्ली-एनसीआर के इलाके मैप पर कुछ ऐसे दिख रहे हैं.

भारद्वाज के मुताबिक, यह स्थिति सरकार और जनता के बीच भरोसे की कमी को दिखाती है. उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है, तो सरकार जानबूझकर एयर क्वालिटी डेटा छिपा देती है.



उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार खुले तौर पर “डेटा में हेराफेरी” कर रही है ताकि असली स्थिति जनता के सामने न आए.

सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जब भी हवा की गुणवत्ता सबसे खराब होती है, तब AQI केंद्रों से डेटा लेना ही बंद कर दिया जाता है.”


दिल्ली का दैनिक AQI डेटा (1 नवंबर – 8 नवंबर)

1 नवंबर को औसत AQI शाम चार बजे तक 322 रहा. 2 नवंबर को 330, 3 नवंबर को 340, 4 नवंबर को 350, 5 नवंबर को 360, 6 नवंबर को 361, 7 नवंबर को 391 और 8 नवंबर को 361.

प्रदूषण का असर और लोगों की मांगें

दिल्ली के कई इलाकों में हवा इतनी खराब हो गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में यह गुस्सा साफ झलक रहा था. लोगों ने सरकार से मांग की कि वह प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए और दीर्घकालिक नीति बनाए.

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भारत में AQI को 0 से 500 के पैमाने पर मापा जाता है. इस पैमाने को 6 श्रेणियों में बांटा गया है. (Photo: AI Generated)

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. जहां एक ओर लोग स्वच्छ हवा की मांग को लेकर सड़कों पर हैं, वहीं प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जुटा है. यह स्थिति बताती है कि दिल्ली को अब साफ हवा के लिए ठोस और तत्काल कदमों की जरूरत है.

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