हर वारदात से पहले नया गैंग, फोन और गाड़ी का इस्तेमाल नहीं… बांग्लादेशी डकैत दिल्ली से अरेस्ट

नए लड़कों को गैंग में शामिल कर बांग्लादेशी डकैत मिराज वारदात को अंजाम देता. इसके बाद गैंग के सदस्यों को लूट का हिस्सा देकर दोबारा उनसे कभी नहीं मिलता था. फिर नई वारदात के लिए नया गैंग बनाता था. अपराध के दौरान वह पुलिस की ट्रैकिंग से बचने के लिए मोबाइल और कार का इस्तेमाल भी नहीं करता था. 

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पुलिस की गिरफ्त में आया बांग्लादेशी डकैत मिराज. पुलिस की गिरफ्त में आया बांग्लादेशी डकैत मिराज.

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 15 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने एक शातिर बांग्लादेशी डकैत को गिरफ्तार किया है. वह हर लूट से पहले एक नया गैंग बनाता था. लूट या डकैती की बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग को खत्म कर देता. वारदात को अंदाज देने के दौरान वह पुलिस की ट्रैकिंग से बचने के लिए मोबाइल फोन और गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करता था. मगर, एक एनकाउंटर के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम ने बांग्लादेशी डकैत मिराज और उसके साथी शाहिद को गिरफ्तार कर लिया.

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पुलिस ने बताया कि मुखबिर से जानकारी मिलने के बाद द्वारका के एक गांव में मिराज को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया हुआ था. जब पुलिस की टीम ने मिराज को स्पॉट किया और इसे सरेंडर को कहा, तो उसने और उसके साथी ने पुलिस टीम पर गोली चला दी. जिसमें से एक गोली इंस्पेक्टर अक्षय की बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगी. वहीं, शाहिद की चलाई गोली से हेड कांस्टेबल गौरव बाल-बाल बच गया.

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अशोक विहार में दिया था 2 करोड़ की डकैती को अंजाम 

बांग्लादेशी डकैत मिराज ने अशोक विहार में 2 करोड़ की बड़ी डकैती को अंजाम दिया था. वहां से उसने 2 किलो सोने की लूट की थी. इसके बाद 13 मार्च को दिल्ली के प्रीत विहार में परिवार को बंधक बनाकर डकैती की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस के मुताबिक, जानकारी मिली थी कि इस जगह से 29 लाख कैश, बड़ी मात्रा में सोने के जेवरात लूटे थे.

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नए लड़कों को शामिल कर वारदात के लिए बनाता था नया गैंग

क्राइम ब्रांच की टीम पिछले काफी समय से मिराज की तलाश में जुटी हुई थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पुलिस से बचने के लिए मिराज मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल नहीं करता था. वह कार या गाड़ी की भी इस्तेमाल नहीं करता था. इतना ही नहीं यह इतना शातिर था की लूट की किसी वारदात को अंजाम देने से पहले यह नए लड़कों को शामिल कर नया गैंग बनाता था. लूट की रकम में उनका हिस्सा देकर दोबारा उनसे कभी नहीं मिलता था. गैंग के बदमाश भी एक-दूसरे को नहीं जानते थे. सबसे सीधे मिराज खुद कांटेक्ट करता था.

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