दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट मामले में अब अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के घेरे में आ गई है. केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय के सभी रिकॉर्ड्स की फॉरेंसिक ऑडिट कराने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही ईडी और अन्य वित्तीय एजेंसियों को अल फलाह यूनिवर्सिटी के धन के स्रोत और लेन-देन की जांच करने को कहा गया है.
यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया. यह बैठक करीब डेढ़ घंटे चली, जिसमें जांच की प्रगति की समीक्षा की गई.
सूत्रों के मुताबिक, अल फलाह यूनिवर्सिटी हरियाणा के फरीदाबाद जिले के धौज में स्थित है. यह एक निजी विश्वविद्यालय है, जिसके परिसर में एक अस्पताल भी चलता है. जांच एजेंसियों ने इस विश्वविद्यालय से जुड़े तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है.
बताया जा रहा है कि जिस कार में ब्लास्ट हुआ था, वह हरियाणा नंबर की थी और उसे चलाने वाला डॉक्टर उमर नबी अल फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत था.
विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, अल फलाह यूनिवर्सिटी हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटीज एक्ट के तहत विधानसभा द्वारा स्थापित की गई थी. विश्वविद्यालय ने बयान जारी कर कहा कि वह जांच एजेंसियों को पूरी तरह सहयोग दे रहा है ताकि मामले की सच्चाई तक पहुंचा जा सके.
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