दिल्ली में आज से ‘No PUC, No Fuel’ नियम लागू, वाहनों की जांच के लिए 580 पुलिसकर्मियों की तैनाती

यह आदेश पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है और GRAP स्टेज-IV (Severe+) लागू रहने तक प्रभावी रहेगा. नियमों को सख्ती से लागू कराने के लिए दिल्ली में 580 पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की गई है. शहरभर में 126 चेक प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जहां 37 ‘प्रखर’ वैन तैनात रहेंगी.

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दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS-VI से कम उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की राजधानी में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. (File Photo: PTI) दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS-VI से कम उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की राजधानी में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आयोग (CAQM) ने अब तक के सबसे सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. गुरुवार से दिल्ली में 'No PUC, No Fuel' नियम लागू हो जाएगा. यानी जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं होगा, उन्हें पेट्रोल, डीजल या CNG नहीं मिलेगी. 

इसके साथ ही दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS-VI से कम उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की राजधानी में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी.

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यह आदेश पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है और GRAP स्टेज-IV (Severe+) लागू रहने तक प्रभावी रहेगा. सरकार का कहना है कि सर्दियों में दिल्ली की हवा बेहद जहरीली हो जाती है और PM2.5 व PM10 का स्तर तय मानकों से कई गुना ऊपर चला जाता है.

सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को अपने आदेश में संशोधन करते हुए दिल्ली-एनसीआर में BS-IV एमिशन मानकों से नीचे आने वाले पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की इजाजत दे दी. दिल्ली सरकार ने अदालत से BS-III और उससे पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मांगी थी, क्योंकि ये वाहन प्रदूषण के स्तर में ग्रोथ के लिए जिम्मेदार हैं.

फ्यूल स्टेशनों को निर्देश जारी

दिल्ली के सभी पेट्रोल, डीजल और CNG पंपों को निर्देश दिया गया है कि वे केवल वैध PUC सर्टिफिकेट दिखाने पर ही ईंधन दें. यदि कोई वाहन बिना PUC के ईंधन लेते पाया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा. PUC की जांच फिजिकल सर्टिफिकेट, ANPR (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) कैमरे, VAHAN डाटाबेस, वॉयस अलर्ट सिस्टम और पुलिस की मदद से की जाएगी.

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बाहर की गाड़ियों पर कड़ी रोक

GRAP स्टेज-IV के दौरान दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड और BS-VI से कम मानक वाले वाहनों को राजधानी में चलने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि CNG और इलेक्ट्रिक वाहन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, आपात सेवाओं और आवश्यक वस्तुओं या सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट दी गई है.

निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध

प्रदूषण बढ़ाने में निर्माण गतिविधियों की भूमिका को देखते हुए रेत, गिट्टी, पत्थर, ईंट, सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट और मलबा जैसी निर्माण सामग्री लेकर आने वाले किसी भी वाहन की दिल्ली में एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. नियम तोड़ने पर वाहन जब्त किए जा सकते हैं और भारी जुर्माना लगाया जाएगा.

क्यों जरूरी हुए इतने सख्त कदम?

दिल्ली सरकार ने बताया कि IIT कानपुर की एक व्यापक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्दियों में दिल्ली के PM10 प्रदूषण में करीब 19.7% और PM2.5 में 25.1% योगदान वाहनों से आता है. वहीं, निर्माण गतिविधियां भी प्रदूषण का बड़ा कारण हैं. यही वजह है कि सरकार ने वाहनों और निर्माण सामग्री पर सीधी चोट की है.

जांच के लिए तैनात होंगे 580 पुलिसकर्मी

नियमों को सख्ती से लागू कराने के लिए दिल्ली में 580 पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की गई है. शहरभर में 126 चेक प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जहां 37 ‘प्रखर’ वैन तैनात रहेंगी. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी सीधे पेट्रोल पंपों पर मौजूद रहेंगे ताकि PUC नियमों का सख्ती से पालन हो सके.

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ट्रैफिक जाम से निपटने की भी तैयारी

सख्ती के चलते ट्रैफिक जाम की आशंका को देखते हुए सरकार ने अलग रणनीति बनाई है. दिल्ली के 100 ट्रैफिक जाम हॉटस्पॉट्स की पहचान की गई है, जहां गूगल मैप के सहयोग से जाम को खत्म करने और ट्रैफिक फ्लो सुधारने पर काम किया जाएगा.

कब तक लागू रहेंगे नियम?

ये सभी निर्देश CAQM द्वारा GRAP स्टेज-IV लागू होने के साथ स्वतः प्रभावी हो जाएंगे और जब तक यह स्टेज हटाया या संशोधित नहीं किया जाता, तब तक लागू रहेंगे. भविष्य में यदि GRAP स्टेज-IV दोबारा लागू होता है तो अलग से कोई नया आदेश जारी नहीं होगा, नियम अपने-आप लागू हो जाएंगे.

सरकार ने साफ कर दिया है कि आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 समेत अन्य कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार का दावा है कि इन कदमों से दिल्ली की हवा को कुछ हद तक राहत मिलेगी और प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो पाएगा.

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