सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (MCD) के सफाई कर्मचारियों पर जमकर लाठीचार्ज हुआ. बता दें कि सफाई कर्मचारी अपने वेतन को लेकर पिछले 27 दिनों से हड़ताल पर हैं और सड़कों पर विरोध कर रहे हैं.
इस लाठीचार्ज में कई सफाई कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए तो वहीं पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें आई हैं. वहीं दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों की यह हड़ताल दिनोंदिन राजनीतिक रूप में तब्दील होती नजर आ रही है.
दिल्ली सरकार सफाई कर्मचारियों का वेतन न मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार मान रही है तो वहीं निगम में शासित बीजेपी इस पूरे मामले पर दिल्ली सरकार को जिम्मेदार मान रही है. जिसके कारण सफाई कर्मचारी पिछले 27 दिन से हड़ताल पर हैं और दिल्ली कूड़े में तब्दील होती नजर आ रही है.
विरोध प्रदर्शन करने आए सफाई कर्मचारियों का कहना था कि वे अपनी मांग उठाते हैं तो सरकार उन पर लाठीचार्ज करवाती है. ऐसे में वे अपने बच्चों का पेट कैसे पालें?
सफाई कर्मचारियों का यह भी कहना है कि कोई भी सरकार इस हड़ताल को लेकर कुछ भी बोलने को राजी नहीं है. ऐसे में यह हड़ताल आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी और इसका सीधा खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ेगा.
सफाई कर्मचारियों की मांग यह भी है कि वे कर्मचारी जो पिछले 20 सालों से अपने पिता की जगह काम कर रहे हैं. उन्हें नियमित किया जाए.
साथ ही कर्मचारियों की यह भी मांग है कि उनका पिछला करीब 10 हजार करोड़ रुपये का एरियर बकाया है, जिसे निगम को देना चाहिए, लेकिन निगम दिल्ली सरकार पर और दिल्ली सरकार केंद्र पर ठीकरा फोड़कर बचती नजर आ रही है.
इससे पहले भी सफाई कर्मचारियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाद जोरदार प्रदर्शन किया था. जहां उन्हें रोकने पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा था.
राहुल झारिया / सुशांत मेहरा