'मैंने जो देखा... उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता', दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा में घायल ASI

Jahangirpuri violence: दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा मामले में घायल आठ पुलिसकर्मियों में शामिल एएसआई ने आजतक से बातचीत में पूरे घटनाक्रम को बताया है. उन्होंने बताया कि वे शुरुआत से शोभायात्रा में शामिल थे. बात बिगड़ने के बाद उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन उनकी बातों को किसी ने नहीं सुना.

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जहांगीरपुरी हिंसा मामले में आठ पुलिसकर्मी समेत 9 लोग घायल हुए हैं. जहांगीरपुरी हिंसा मामले में आठ पुलिसकर्मी समेत 9 लोग घायल हुए हैं.

तेजश्री पुरंदरे

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST
  • अराजक तत्वों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे: ASI
  • घायल एएसआई का अस्पताल में चल रहा है इलाज

दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा मामले में घायल ASI अरुण कुमार ने आजतक से बातचीत में पूरी घटना को बयां किया है. अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए अरुण कुमार ने कहा कि मुझे ईंट और पत्थरों से मारा गया जिसके चलते मेरे पैर और कंधे में चोट आई है. उन्होंने बताया कि अराजक तत्वों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे. 

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ASI अरुण कुमार ने बताया कि मैं शुरू से ही शोभायात्रा में था. मैं अपने कुछ साथियों के साथ उस गाड़ी के पीछे ही थे जिसमें हनुमान जी की यात्रा निकाली जा रही थी. यात्रा जैसे ही कुशल चौक के पास पहुंची अचानक आगे से करीब एक से डेढ़ हजार की भीड़ आ गई. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज और बहस होने लगी.  

अरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने दोनों पक्ष के लोगों से बात कर उन्हें शांत करवाने की बहुत कोशिश की लेकिन उनकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं था. उन्होंने बताया कि सभी के हाथों में बोतलें, तलवार और चाकू थे. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच रही बहस विवाद में बदल  गई और थोड़ी देर में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई. 

एएसआई ने कहा कि शोभायात्रा में शामिल लोग अपनी-अपनी गाड़ियों को छोड़कर भाग रहे थे. इस बीच में दोनों पक्षों को हटाने की कोशिश भी कर रहा था. थोड़ी देर बाद उपद्रवी गाड़ियों को जलाने की कोशिश करने लगे. मैंने उन्हें मना किया लेकिन कोई भी मेरी बात मानने और सुनने को तैयार नहीं था. 

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मैंने जो देखा... उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता: एएसआई

एएसआई ने कहा कि थोड़ी देर बाद ही स्थितियां बदल गईं. चारों तरफ हाहाकार था. मैंने जो देखा... उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. उन्होंने बताया कि मैंने काफी कोशिश की कि गाड़ियों को जलने से बचाऊं, ताकि कम से कम आगजनी हो. उन्होंने कहा कि शोभायात्रा में शामिल लोगों में से अधिकतर स्थितियां बिगड़ने के बाद घटनास्थल से वापस जा चुके थे. मैं अपने कुछ साथियों के साथ घटनास्थल पर मौजूद रहा और लोगों को बचाता रहा. इसी बीच उपद्रवियों ने मुझे ईंट और पत्थरों से मारा. 

बता दें कि शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी. उपद्रवियों के हमले में 8 पुलिसकर्मी समेत 9 लोग घायल हो गए. मामले में अबतक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही पुलिस कई संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है. 

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