दिल्ली HC ने कांग्रेस की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला, ITAI के आदेश को दी है चुनौती

ITAT के आदेश के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने कहा कि आईटीएटी के आदेश में कोई खामी नहीं है. कांग्रेस खुद इसके लिए दोषी है, क्योंकि साल 2021 से कांग्रेस के लोग सो रहे थे. साथ ही हाई कोर्ट इस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है. 

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दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो) दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के आदेश के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि आईटीएटी के आदेश में कोई खामी नहीं है.

कांग्रेस की इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की थी. अदालत ने सुनवाई के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आईटीएटी के आदेश में कोई खामी नहीं है. कांग्रेस खुद इसके लिए दोषी है, क्योंकि साल 2021 से कांग्रेस के लोग सो रहे थे. सिर्फ इसलिए कि आप 2024 में जाग गए हैं, लेकिन इससे चीजें नहीं बदलेंगी.

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कल फैसला सुना सकता है HC

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत इस मामले को फिर से आईटीएटी में भेजने के लिए इच्छुक है ताकि इस पर पुनर्विचार किया जा सके कि क्या विवादित राशि का 20 प्रतिशत जमा करने पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि, पीठ ने कहा कि कांग्रेस की इस याचिका पर अदालत बुधवार को अपना फैसला सुना सकती है.

तो कैसे लड़ेंग चुनाव: कांग्रेस

कांग्रेस ने तर्क दिया कि अगर आईटी विभाग की कार्रवाई पर नहीं लगाई गई तो कांग्रेस 2024 का आम चुनाव कैसे लड़ेगी. वहीं, आईटी विभाग ने हाईकोर्ट को बताया कि यह कार्रवाई अभी की नहीं है. ये कार्रवाई साल 2021 से चल रही है. हमने उन्हें कई नोटिस जारी किए हैं.

बता दें कि आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े 4 बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिए. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है, यानी कांग्रेस को ये रकम जुर्माना के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी, लेकिन इस अपील को खारिज कर दिया गया है. जिसके पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. 

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