दिल्ली में खतरनाक हुआ कोरोना, नगर निगम का दावा- शवों को जलाने का प्रोटोकॉल अब बेहतर

नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर जयप्रकाश ने दावा किया है कि दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध पर कोरोना मरीजों की डेड बॉडी जलाए जाने का प्रोटोकॉल अब जून से बेहतर है.

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दिल्ली में बढ़ रहे हैं कोरोना के केस (फाइल फोटो) दिल्ली में बढ़ रहे हैं कोरोना के केस (फाइल फोटो)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:27 AM IST
  • मौतों की संख्या में मई-जून महीने वाला पीक नहीं
  • निगमबोध पर पिछले 10 दिनों में करीब 150 शव जलने के लिए आए
  • कोरोना के बढ़ते केस के बीच नगर निगम ने की तैयारी

दिल्ली में कोरोना एक बार फिर खतरनाक रूप ले चुका है. हर रोज औसतन 5 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं. लेकिन राहत की बात ये है कि संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या में मई-जून महीने वाला पीक नहीं है. इस बीच, नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर जयप्रकाश ने दावा किया है कि दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध पर कोरोना मरीजों की डेड बॉडी जलाए जाने का प्रोटोकॉल अब जून से बेहतर है.

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जयप्रकाश ने कहा कि जरूरत पड़ी तो शवदाह करने वाले प्लेटफार्म की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. कोरोना मई-जून में अपने पीक पर था. उस वक्त दिल्ली में करीब 6 जगहों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 9 किया गया. मौजूदा शवदाह के 100 प्लेटफॉर्म में से 50 को कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत और बाकी बचे 50 प्लेटफॉर्म को नॉन कोविड-19 के मुताबिक अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया गया. 

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नॉर्थ दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध पर पिछले 10 दिनों में करीब 150 शव जलने के लिए आए. बता दें कि मई-जून के महीने में हर दिन करीब 60 से 70 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे थे. वहीं, पंजाबी बाग स्थित घाट पर पिछले 10 दिनों में करीब 113 शवों को जलाया गया. साउथ दिल्ली की मेयर अनामिका सिंह ने कहा कि साउथ एरिया में आने वाले श्मशान घाट पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए अंतिम संस्कार किया जा रहा है. 

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