प्रधानमंत्री मोदी ने जब से समान नागरिक संहिता का जिक्र किया है, हर राजनीतिक दल की ओर से इसको लेकर प्रतिक्रिया आ चुकी है. कोई दल इसका समर्थन कर रहा है तो इसके विरोध में खड़ा है. इस बीच आम आदमी पार्टी की ओर से भी यूसीसी को 'सैद्धांतिक' समर्थन करने के लिए कहा गया है. वहीं AAP की ओर से आए इस बयान को देखते हुए दिल्ली में कांग्रेस अपने खोये हुए वोटबैंक वापस लाने पर विचार कर रही है.
AAP नेता के बयान के बाद कांग्रेस दिल्ली में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अपना खोया हुआ वोटबैंक वापस लाने पर विचार कर रही है. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने AAP द्वारा यूसीसी को समर्थन देने के सवालों का जवाब नहीं दिया, लेकिन पार्टी के सूत्रों ने कहा कि वह अल्पसंख्यक वोट वापस लाने का मौका नहीं गंवाएगी.
दिल्ली में कांग्रेस के सीनियर लीडर ने कहा, "पार्टी यूसीसी के मसौदे का इंतजार कर रही है, लेकिन उसने अपने कैडर के बीच एक आंदोलन शुरू कर दिया है और यह 'सैद्धांतिक रूप से' मौजूदा अधिकारों की बुनियादी संरचना में किसी भी बदलाव के खिलाफ है. बीजेपी ने यूसीसी का प्रस्ताव रखा है और आम आदमी पार्टी बिना पढ़े ही इसका समर्थन कर रही है. यह कांग्रेस पार्टी के लिए अपना खोया हुआ अल्पसंख्यक वोटबैंक वापस पाने का एक अवसर है."
UCC को लेकर AAP ने क्या कहा था?
आम आदमी पार्टी के संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने इंडिया टुडे से बात करते हुए था कि पार्टी यूसीसी का 'सैद्धांतिक' रूप से समर्थन करती है. उन्होंने कहा, "संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा भी गया है कि देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए." हालांकि पाठक ने कहा कि पार्टी का मानना है कि इसे लागू करने से पहले सभी धर्मों और राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बाद आम सहमति बनाई जानी चाहिए.
बता दें कि समान नागरिक संहिता पर आम आदमी पार्टी का रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर जोर देने के एक दिन बाद आया है. पीएम मोदी ने भोपाल में बीजेपी के अपना बूथ-सबसे मजबूत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस पर चर्चा शुरू की थी.
AAP को लेकर कही ये बात
दिल्ली कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि वह दिल्ली के मुस्लिम वोटर्स के सामने AAP के दोहरे मानकों को उजागर करेगी. AAP ने पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), एनआरसी का समर्थन किया. उसके बाद जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भी समर्थन किया, जिसने राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया और अब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ''आगामी चुनावों में हम मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग पैटर्न में बदलाव देखेंगे.''
2020 चुनाव में मुस्लिम वोटर्स का AAP को समर्थन
बता दें कि दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP उम्मीदवारों ने मुस्लिम बहुल सीटों पर जीत हासिल की. ओखला, सीलमपुर और पुरानी दिल्ली समेत जिन इलाकों में सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान हफ्तों तक हिंसा हुई, वहां आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान हुआ.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में कहा गया कि दिल्ली में 69 फीसदी मुसलमानों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया, जबकि सिर्फ 15 फीसदी ने कांग्रेस पर भरोसा जताया.
अभिषेक आनंद