दिल्ली CM केजरीवाल को कोर्ट से नहीं मिली राहत, मेडिकल चेकअप के दौरान मौजूद नहीं रह सकती पत्नी सुनीता

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जेल नियमों के मुताबिक किसी अन्य को मेडिकल चेकअप के दौरान साथ उपस्थित रहने की इजाजत नहीं होती है. हमें इस नियम में से केजरीवाल को राहत देने के लिए अपवाद करने का कोई कारण नजर नहीं आता. क्योंकि ऐसी ही स्वास्थ्य स्थिति में अन्य कैदी भी तो बिना पारिवारिक सहायक के इलाज करवा रहे हैं तो सिर्फ केजरीवाल को ही विशेष सुविधा क्यों दी जाए.

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अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता को मेडिकल बोर्ड से मिलने की अनुमति मिली है अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता को मेडिकल बोर्ड से मिलने की अनुमति मिली है

संजय शर्मा / सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आंशिक रूप से झटका देते हुए मेडिकल चेक अप के दौरान उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उपस्थिति की इजाजत नहीं दी. हालांकि कोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी को मेडिकल बोर्ड से मिलने की इजाजत दे दी है. साथ ही सुनीता केजरीवाल को अरविंद की सभी मेडिकल रिपोर्ट भी मिलेंगी और मेडिकल बोर्ड से केजरीवाल की डाइट और लाइन ऑफ ट्रीटमेंट पर भी चर्चा कर सकती हैं. 

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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जेल नियमों के मुताबिक किसी अन्य को मेडिकल चेकअप के दौरान साथ उपस्थित रहने की इजाजत नहीं होती है. हमें इस नियम में से केजरीवाल को राहत देने के लिए अपवाद करने का कोई कारण नजर नहीं आता. क्योंकि ऐसी ही स्वास्थ्य स्थिति में अन्य कैदी भी तो बिना पारिवारिक सहायक के इलाज करवा रहे हैं तो सिर्फ केजरीवाल को ही विशेष सुविधा क्यों दी जाए.

दरअसल, केजरीवाल ने विशेष अदालत से अपनी याचिका के जरिए आग्रह किया था कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अनुमति दी जाए कि वो केजरीवाल के मेडिकल चेकअप के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम के जरिए मौजूद रहें. ताकि उनको केजरीवाल की सेहत के बारे में पूरी जानकारी रहे.

सीएम केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा कि उनकी पत्नी सुनीता ने दशकों से उनके स्वास्थ्य देखभाल में अहम भूमिका निभाई है. सुनीता केजरीवाल को अरविंद की बीमारियों व चिकित्सा इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी है. इसलिए उन्हें हर सप्ताह उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान करना उचित और आवश्यक है.

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याचिका में कहा गया है कि उनकी चिकित्सा देखभाल में पारदर्शिता कानूनी जरूरत के साथ नैतिक चिकित्सा पद्धति के नजरिए से भी महत्वपूर्ण घटक है. इसलिए आवेदक अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी को उपचार के सभी पहलुओं के बारे में विधिवत जानकारी रहनी आवश्यक है.

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