दिल्ली के व्यापारिक संगठन CTI ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, कहा- टैक्स पेयर्स की भी जातिगत गणना हो

सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है. सीटीआई की तरफ से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र भेजा जाएगा. इसके पीछे सीटीआई का मकसद है कि लोगों को पता चलना चाहिए कि अर्थव्यवस्था चलाने में किस जाति के लोगों की अहम भूमिका है.

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CTI ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है (फोटो- पीटीआई) CTI ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है (फोटो- पीटीआई)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

दिल्ली के व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि टैक्स पैयर्स की भी जातिगत गणना की जानी चाहिए. CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि जातिगत सर्वे के साथ यह डेटा भी एकत्र किया जाए कि किस जाति के लोग कितना टैक्स सरकार को देते हैं.

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सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है. सीटीआई की तरफ से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र भेजा जाएगा. इसके पीछे सीटीआई का मकसद है कि लोगों को पता चलना चाहिए कि अर्थव्यवस्था चलाने में किस जाति के लोगों की अहम भूमिका है? कौन सबसे ज्यादा टैक्स देता है? क्या सरकार उनके हितों को ध्यान में रखकर कोई नीति बनाती है?

सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि सरकार के पास इनकम टैक्स और जीएसटी संबंधी सभी तरह का डेटा है. करदाताओं की लिस्ट भी जाति आधारित जारी हो. आज तक यह पता नहीं चल पाया कि कौन सी जाति सरकार को कितना राजस्व देती है? जो भी जाति सबसे अधिक राजस्व देती है, उसके लिए भी नीतियां, बीमा, पेंशन, मेडिकल सुविधाएं होनी चाहिए.

सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल के मुताबिक उनकी इस पहल को देश के अलग-अलग व्यापारी संगठनों का समर्थन मिल रहा है. वह इस पूरे मुद्दे को लेकर देशभर के अलग-अलग राज्यों में व्यापारियों के साथ मिलकर अभियान भी चलाएंगे. बृजेश गोयल ने कहा कि ट्रेडर्स कम्युनिटी में इस पर जोरों की चर्चा चल रही है, हजारों व्यापारियों ने CTI की इस मांग पर सहमति जताई है. 

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