Delhi Blast: वजीरपुर में किससे मिलने गया था आतंकी उमर, क्या था मकसद? CCTV फुटेज आने के बाद उठे नए सवाल

लाल किला ब्लास्ट से पहले आतंकी प्रोफेसर उमर मोहम्मद की नई लोकेशन वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में मिली है, जहां वह एक चाय की दुकान के बाहर 10–15 मिनट खड़ा रहा लेकिन किसी से बात या कुछ खाया पिया नहीं. NIA और दिल्ली पुलिस उसकी इस मूवमेंट की जांच कर रही है और CCTV फुटेज खंगाल रही हैं.

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ब्लास्ट से पहले उमर दिल्ली के वजीरपुर गया था. Photo ITG ब्लास्ट से पहले उमर दिल्ली के वजीरपुर गया था. Photo ITG

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट से पहले आतंकी प्रोफेसर उमर मोहम्मद की नई लोकेशन सामने आई है. जांच में पता चला है कि सोमवार को ब्लास्ट से पहले वह नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया गया था. यहां वह एक चाय की दुकान के बाहर कार रोककर करीब 10 से 15 मिनट तक खड़ा रहा. दुकान के मालिक प्रदीप कुमार के मुताबिक, उमर कार से उतरा जरूर, लेकिन उसने न चाय पी और न ही कुछ खाने-पीने की चीज ली. उसके व्यवहार और हरकत को देखकर शक भी नहीं हुआ कि वह किसी बड़े साजिश में शामिल हो सकता है.

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NIA और स्पेशल स्टाफ की टीम मौके पर पहुंची
उमर की इस मूवमेंट का पता लगने के बाद NIA और दिल्ली पुलिस की स्पेशल स्टाफ की टीम गुरुवार को वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया पहुंची. अधिकारियों ने पूरे इलाके का मुआयना किया और चाय की दुकान सहित आसपास की दुकानों के CCTV फुटेज खंगालने शुरू किए हैं. मकसद यह पता लगाना है कि उमर यहां किससे मिलने आया था या वह सिर्फ रुकने के लिए इस स्थान का इस्तेमाल कर रहा था.

किससे मिलने आया था, अभी बड़ा सवाल
अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उमर इंडस्ट्रियल एरिया में किस उद्देश्य से आया था. टीम यह भी जांच कर रही है कि क्या वह किसी से मिला, किसी को फोन किया या किसी ने उससे संपर्क किया. CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड इस सवाल का जवाब तलाशने में मदद करेंगे.

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चाय दुकान मालिक ने क्या कहा?
चाय दुकान चलाने वाले प्रदीप कुमार ने बताया, वह मेरी दुकान के सामने आकर खड़ा हुआ था. करीब 10–15 मिनट रुका रहा लेकिन कुछ लिया नहीं. चुपचाप खड़ा रहा और फिर चला गया.

उमर की यह नई लोकेशन जांच को एक नए एंगल की ओर ले जा रही है. जांच एजेंसियां यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि क्या वजीरपुर किसी स्लीपर सेल, संपर्क बिंदु या मीटिंग पॉइंट की तरह इस्तेमाल हुआ था, या फिर उमर सिर्फ अपनी गतिविधियां छिपाने के लिए यहां रुका था.

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