दिल्ली ब्लास्ट की जांच में जैश टेरर मॉड्यूल का सदस्य मुजम्मिल पुलिस की गिरफ्त में है. जांच में पता चला है कि कार को कई बार लाल किले के पास ट्रैक किया गया है. उसके फोन का डंप डेटा खंगालने पर यह खुलासा हुआ कि मुजम्मिल जनवरी महीने में कई बार लाल किले के पास गया था. एजेंसियां इस बात की पड़ताल में जुटी हैं कि क्या मुजम्मिल और उमर ने लाल किले की रेकी की थी.
गिरफ्तार डॉक्टरों से पूछताछ में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. डॉ शाहीन ने बताया कि उसका भाई परवेज़ सईद भी उसी चैट ग्रुप में शामिल था, जिसमें मुजम्मिल और अदील थे.
डॉ मुजम्मिल, डॉ अदील और डॉ शाहीन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. ये सभी डॉक्टर अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में एक साथ काम करते थे. श्रीनगर में पूछताछ के दौरान शाहीन शाहिद ने स्वीकार किया कि फरार डॉ उमर अक्सर देशभर में आतंकी हमलों की योजना पर चर्चा करता था, और ये लोग काम के बाद आतंकी गतिविधियों पर बैठकों में चर्चा करते थे.
कश्मीर पुलिस पहुंची लखनऊ
डॉ शाहीन के भाई परवेज़ सईद को जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने मंगलवार को लखनऊ पहुंचकर हिरासत में लिया है. हालांकि, उसके पास से कोई बड़ी बरामदगी नहीं हुई. एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, यह संभावना है कि परवेज़ ने एटीएस की छापेमारी से पहले ही गिरफ्तारी की आशंका में विस्फोटक सामग्री नष्ट कर दी हो.
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एनआईए कर रही जांच
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास सोमवार शाम करीब 6:50 बजे एक हुंडई i20 कार में भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें दस लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. यह धमाका उस वक्त हुआ, जब कार रेड लाइट पर रुकी थी. एजेंसियों को शक है कि यह एक सुनियोजित आतंकी हमला था, इसलिए उन्होंने एफआईआर में यूएपीए (UAPA) भी लगाया है. फॉरेंसिक टीमों ने इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की ताकत का पता लगाने के लिए कार के पुर्जों और गैस सिलेंडर के टुकड़ों सहित 42 साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. पूरे देश में अलर्ट जारी रहने की वजह से एनआईए ने औपचारिक रूप से जांच अपने हाथ में ले ली है.
अरविंद ओझा