‘फांसी घर’ विवाद: दिल्ली विधानसभा ने केजरीवाल और सिसोदिया को किया तलब

मंगलवार को विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि विशेषाधिकार समिति की बैठक 13 नवंबर 2025 (गुरुवार) को होगी, जिसमें 9 अगस्त 2022 को विधानसभा परिसर में उद्घाटन किए गए ‘फांसी घर’ की प्रामाणिकता पर चर्चा की जाएगी.

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BJP ने केजरीवाल से 'गुमराह' करने के लिए माफी मांगने की मांग की है. (Photo: PTI) BJP ने केजरीवाल से 'गुमराह' करने के लिए माफी मांगने की मांग की है. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

दिल्ली विधानसभा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्पीकर राम निवास गोयल को 13 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है. यह समन विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने उस विवादित मामले में जारी किया है, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में विधानसभा परिसर में बने तथाकथित ‘फांसी घर’ को लेकर दावे किए गए थे. 

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इस मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब अगस्त में मॉनसून सत्र के दौरान, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि केजरीवाल द्वारा 2022 में बड़े धूमधाम से उद्घाटन किया गया तथाकथित ब्रिटिश-युग का 'फांसी घर' (फांसी देने वाला कमरा), वास्तव में एक "टिफिन रूम" था.

गुप्ता ने विधानसभा परिसर का 1912 का नक्शा दिखाते हुए कहा था कि इस जगह का उपयोग फांसी देने के लिए किया गया था, इसका कोई दस्तावेजीकरण या सबूत मौजूद नहीं है. इसके बाद उन्होंने इस मामले को जांच और रिपोर्ट के लिए नौ सदस्यीय विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था.

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समिति ने भेजा समन
विधानसभा सचिवालय द्वारा मंगलवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि, "विशेषाधिकार समिति के सदस्यों को सूचित किया जाता है कि समिति की बैठक 13 नवंबर, 2025 को आयोजित होनी है... जिसमें 9 अगस्त, 2022 को दिल्ली विधानसभा परिसर में उद्घाटन किए गए 'फांसी घर' की प्रामाणिकता के संबंध में मामले पर विचार-विमर्श किया जाएगा."

समन की प्रतियां केजरीवाल, सिसोदिया, गोयल और पूर्व उपाध्यक्ष राखी बिड़ला को भी भेजी गई हैं. भाजपा ने इस मामले पर सदन को "गुमराह" करने के लिए AAP प्रमुख केजरीवाल से माफी की मांग की है, जबकि AAP ने सवाल उठाया है कि क्या विधायक इस तरह के ऐतिहासिक मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए योग्य हैं.

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सितंबर में भी विशेषाधिकार समिति ने केजरीवाल, सिसोदिया और गोयल को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा था. भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह राजपूत की अध्यक्षता वाली इस समिति में AAP के दो विधायक (सुरेंद्र कुमार और राम सिंह नेताजी) भी सदस्य हैं.

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