दिल्ली में छात्राओं के साथ स्वामी चैतन्यानंद के छेड़खानी और मानसिक उत्पीड़न के मामले ने तूल पकड़ लिया है. 1 अगस्त को एयर फोर्स हेडक्वार्टर्स से भेजी गई एक शिकायत ने इस मामले में नया मोड़ ला दिया है. वायु सेना मुख्यालय के डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन के ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी ने ईमेल के माध्यम से पीठम को सूचित किया कि SRISIIM की छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ गंभीर शिकायतें दर्ज कराई हैं.
स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ 300 पन्नों का सबूत
छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्वामी चैतन्यानंद मनमाने फैसले लेते थे, धमकाते थे और देर रात व्हाट्सऐप पर मैसेज करते थे. 2 अगस्त को पीठम की ओर से वायु सेना मुख्यालय को तत्काल जवाब भेजा गया जिसमें बताया गया कि आरोपी के खिलाफ FIR नंबर 320/2025 पहले ही दर्ज की जा चुकी है.
इसके बाद 4–5 अगस्त को पीठम ने पुलिस को एक और शिकायत दी जिसमें उत्पीड़न और ज्यादती के नए सबूत सौंपे गए. बताया गया कि आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ 300 से अधिक पन्नों के सबूत पुलिस को सौंपे गए हैं. छात्रों के बयान दर्ज कर नई FIR दर्ज की गई हैं.
गौरतलब है कि 23 जुलाई को मठ की ओर से भी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी. पीठ ने आरोपी स्वामी का पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द करते हुए 11 सदस्यीय नई गवर्निंग काउंसिल भी गठित कर दी है.
लड़कियो ंको भेजते थे अश्लील मैसेज
आज तक के पास मौजूद एक्सक्लूसिव FIR कॉपी में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की करतूतें दर्ज हैं. FIR के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को देर रात स्वामी के क्वार्टर में बुलाया जाता था. लड़कियों के हॉस्टल में सुरक्षा के नाम पर गुप्त कैमरे लगाए गए थे. एक छात्रा का नाम उसकी इच्छा के विरुद्ध बदलने के लिए मजबूर किया गया.
छात्राओं को विदेश यात्राओं और देर रात स्वामी के निजी कक्ष में बुलाने के लिए दबाव डाला जाता था. सहयोगी डीन श्वेता समेत कुछ स्टाफ सदस्य छात्राओं पर स्वामी के यौन आग्रह मानने के लिए दबाव डालते थे और शिकायतों को नजरअंदाज करते थे. विरोध करने वाली छात्राओं को निलंबन और निष्कासन की धमकियां दी जाती थीं.
बात नहीं मानने पर डिग्री रोकने की धमकी
FIR के मुताबिक, छात्राओं के माता-पिता को भी हस्तक्षेप करने से रोका जाता था. स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती और उनके सहयोगियों द्वारा महिला छात्राओं का यौन और मानसिक उत्पीड़न किया गया. व्हाट्सऐप और एसएमएस के माध्यम से अश्लील और आपत्तिजनक मैसेज भेजे जाते थे. इन कृत्यों का विरोध करने पर छात्राओं को डिग्री रोकने और दस्तावेज न देने की धमकियां दी जाती थीं.
पीड़ित छात्राएं अब सामने आने से डर रही हैं और उन्हें अपने जीवन के लिए खतरा महसूस हो रहा है. पुलिस ने कहा है कि सभी आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अरविंद ओझा