ऑक्सीजन मामले में आत्मनिर्भर बनेगी दिल्ली, केजरीवाल सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने को दी मंजूरी

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंजूरी दे दी गई है. यह निजी क्षेत्र को ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने और ऑक्सीजन भंडारण सुविधाएं स्थापित करने के लिए कई प्रोत्साहन प्रदान करता है.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:59 PM IST
  • ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बनी नीति
  • मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसीको मंजूरी दीः CM
  • दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन के भंडारण-परिवहन की सुविधा बढ़ाना

देश की राजधानी दिल्ली अब मेडिकल ऑक्सीजन के मामले पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की तैयारी में जुट गई है. दिल्ली कैबिनेट ने आज मंगलवार को मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंजूरी दे दी है. यह पॉलिसी भविष्य में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंजूरी दे दी गई है. यह निजी क्षेत्र को ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने, ऑक्सीजन टैंकरों में निवेश करने और ऑक्सीजन भंडारण सुविधाएं स्थापित करने के लिए कई प्रोत्साहन प्रदान करता है. इससे दिल्ली में ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी, जो पिछली कोविड लहर को संभालने में एक बड़ी बाधा बन गई थी.

प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 का क्या मकसद 
दिल्ली सरकार के मुताबिक मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 के तहत कुछ मकसद तय किए गए हैं.

1- यह पॉलिसी दिल्ली में या तो नए विनिर्माण उद्यमों की स्थापना के माध्यम से ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि करके कोविड-19 या अन्य कारणों से स्वास्थ्य संकट के दौरान अस्पतालों या नर्सिंग होम में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए मौजूदा इकाइयों में उत्पादन क्षमता का विस्तार करके किया जाएगा.

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2- दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन के भंडारण और परिवहन की सुविधा को बढ़ावा देना.

दिल्ली सरकार के मुताबिक पॉलिसी का लक्ष्य 

1 - कुल 100 मीट्रिक टन तक न्यूनतम 50 मीट्रिक टन क्षमता की तरल ऑक्सीजन (एलओएक्स) विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना.

2 - न्यूनतम 10 मीट्रिक टन के गैर-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों (पीएसए/एयर सेपरेशन यूनिट प्रौद्योगिकी) और कुल 100 मीट्रिक टन तक अधिकतम 50 मीट्रिक टन क्षमता की स्थापना.

3 - अस्पतालों और नर्सिंग होम में न्यूनतम 500 एलपीएम क्षमता के कैप्टिव ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट (पीएसए/एयर सेपरेशन यूनिट टेक्नोलॉजी) की स्थापना, ताकि 200 मीट्रिक टन की कुल क्षमता तक मेडिकल ऑक्सीजन की उनकी अधिकतम मांग को पूरा किया जा सके.

4 - 500 मीट्रिक टन की कुल क्षमता तक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन ढोने के विशेष उद्देश्य से 10 मीट्रिक टन की न्यूनतम वहन क्षमता के क्रायोजेनिक टैंकरों की स्थापना.

5 - 1000 मीट्रिक टन की कुल क्षमता तक न्यूनतम 10 मीट्रिक टन क्षमता के एलएमओ भंडारण टैंकों की स्थापना.

मिलेगी बिजली सब्सिडी 

विद्युत सब्सिडी वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पहले पांच सालों के लिए विनिर्माण प्रक्रिया में खपत 4 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से तरल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और गैर-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों (पीएसए/एएसयू) को उपलब्ध कराई जाएगी.

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पॉलिसी की अवधि
इस पॉलिसी की अधिसूचना की तारीख से 15 दिनों के अंदर सब्सिडी/प्रोत्साहन अनुदान के लिए आवेदन लिए जाएंगे. यदि आखिरी तिथि तक आवेदन तय लक्ष्य क्षमता से अधिक आते हैं, तो इसका चयन सभी पात्र आवेदनों का ड्रॉ करके किया जाएगा. यदि आवेदन करने वालों की क्षमता, लक्ष्य क्षमता से कम है, तो सभी आवेदनों पर विचार किया जाएगा. इसके बाद, हर महीन 15 दिन तक आवेदन लिए जाएंगे, जब तक कि लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता है. पॉलिसी की अधिसूचना जारी होने की तारीख से अधिकतम 6 माह तक आवेदन लिए जाएंगे.
 

 

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