त्योहार के सीजन में हवाई यात्रा? सामान का वजन चेक कर आपकी जेब हल्की ना कर दे एयरलाइंस कंपनी 

त्योहारी सीजन के चलते कुछ एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों की भावनाओं को तौलकर उनकी जेब हल्की करने की तैयारी में हैं. मौके पर मौजूद कई यात्रियों का कहना था कि अगर उन्हें पता होता कि स्पाइसजेट नियमों को लेकर इतनी सख्त है कि त्योहार के सीजन में 2-4 किलो अतिरिक्त वजन भी ना बर्दाश्त किया जा सके तो वो अपना सामान बतौर चेक-इन लगेज ही लाते.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

धनतेरस, दीपावली, भाईदूज, छठ…त्योहारों का सुपर वीक आ गया है. अपनों के पास जाने का प्लान बना रहे हैं तो मुमकिन है कि पैकिंग करते वक्त रखी मिठाइयों, खिलौनों या दूसरे तोहफों की वजह से आपके सामान का वजन जरा ज्यादा हो जाए. सतर्क रहें, कुछ एयरलाइंस कंपनियां आपकी भावनाओं को तौलकर आपकी जेब हल्की करने की तैयारी में हैं. ताज़ा मामला एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट से जुड़ा हुआ है. कोलकाता से दिल्ली के लिए बोर्डिंग यानी प्लेन पर सवार होने से ठीक पहले, जब यात्रियों को लाइन में लगने कहा गया तो एक एयरलाइंस कर्मी अचानक से एक वजन तौलने वाला हुक लेकर प्रकट हुआ. वहां मौजूद अधिकतर यात्रियों के लिए यह बिल्कुल नया अनुभव था. फिर क्या था. केबिन बैग्स, यात्रियों के लैपटॉप से लेकर महिलाओं के हैंडबैग तक के वजन लिए गए. इसके बाद, एयरलाइंस कर्मी ने 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से यात्रियों से हजारों रुपये वसूले. 

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यात्रा से पहले चेक-इन करते या बोर्डिंग पास लेते वक्त चेक-इन लगेज को एयरलाइंस के काउंटर पर छोड़ा जाता है. उस वक्त सामान का वजन लेना तो आम बात है, लेकिन केबिन लगेज का इस तरह से वजन लिया जाना अधिकतर यात्रियों के लिए बेहद चौकाने वाला था. मौके पर मौजूद कई यात्रियों का कहना था कि अगर उन्हें पता होता कि स्पाइसजेट नियमों को लेकर इतनी सख्त है कि त्योहार के सीजन में 2-4 किलो अतिरिक्त वजन भी ना बर्दाश्त किया जा सके तो वो अपना सामान बतौर चेक-इन लगेज ही लाते. आखिर चेक-इन लगेज के तौर पर 15 किलो सामान लाने की अनुमति तो है ही और जिनके पास चेक-इन लगेज ना हो, उनका क्या. यानी जिस यात्री के पास 15+7=22 किलो तक सामान लाने के मंजूरी है, वो महज 10 किलो के केबिन बैग के लिए 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 3 किलो अतिरिक्त वजन के लिए 1500 रुपये एक्स्ट्रा खर्च करे. 

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नियम क्या है

हर एयरलाइंस कंपनी यात्रियों को निश्चित वजन तक ही सामान लेकर यात्रा करने की सहूलियत देती है. आम नियमों के मुताबिक, एक यात्री 15 किलो तक चेक-इन लगेज और अधिकतम 7 किलो तक केबिन लगेज के साथ घरेलू हवाई यात्रा कर सकता है. चेक-इन यानी आपका जो सामान अलग से प्लेन के लगेज केबिन में आता है और यात्रा पूरी होने के बाद जिसे गंतव्य एयरपोर्ट पर कन्वेयर बेल्ट से कलेक्ट करना पड़ता है. केबिन लगेज यानी वो सामान जो आप हाथों में लेकर प्लेन पर सवार हो सकते हैं. केबिन लगेज के लिए वजन से लेकर बैग या ट्रॉली का साइज सब कुछ तय होता है. बहुत सारे यात्री सफर खत्म होने के बाद कन्वेयर बेल्ट से सामान कलेक्ट करने में लगने वाले वक्त को बचाने के लिए सिर्फ़ केबिन लगेज के साथ सफर करना पसंद करते हैं. केबिन लगेज के लिए छोटी ट्रॉली या हैंडबैग से लेकर लैपटॉप तक मान्य है. 

नियमों की सख्ती या 'एक्स्ट्रा इनकम'!

केबिन बैगेज का वजन करके पैसे वसूलना  बहुत सारे 'फ्रीक्वेंट-फ्लायर्स' के लिए भी बिल्कुल नया अनुभव है. जिस घटना की बात हो रही, तब बोर्डिंग से एन पहले यात्रियों के पास वापस जाकर अपना सामान बतौर चेक-इन लगेज जमा करने का भी वक्त नहीं था. मौके पर मौजूद एयरलाइंस कर्मी से जब कुछ यात्रियों ने ऐसा करने की गुंजाइश के बारे में पूछा तो उसने मुस्कुराते हुआ कहा कि अब वक्त ही कहां है. उसकी मुस्कान मानो कह रही हो कि ‘अब बचकर कहां जाओगे?’ यात्रियों के असंतोष जताने पर उसने बस इतना कहा कि जगह-जगह वजन तौलने की मशीनें लगी हैं, कहीं भी चेक कर लेते. यानी, बेहतर यही है कि अगली बार घर से हवाई यात्रा पर रवाना होने से पहले अपने सामान का वजन तौल लें. 

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इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की क्या राय है

एक निजी एयरलाइंस के एक अधिकारी ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर कहा कि उन्होंने भी अपने दो दशक के करियर में केबिन लगेज के लिए चार्ज वसूलते नहीं सुना. अधिकारी के मुताबिक, उनकी कंपनी में अमूमन केबिन लगेज का साइज़ देखा जाता है. अगर कोई यात्री ज़्यादा बड़ा या नियमों से ज़्यादा वजन का बैग लेकर प्लेन पर सवार होने आता है तो उसके बैग को तत्काल वहीं बतौर चेक-इन लगेज बुक करके रसीद दे दी जाती है, ताकि वो गंतव्य पहुंचकर कन्वेयर बेल्ट से अपना सामान वापस ले सके. अधिकारी ने यह भी कहा कि आजकल वेब चेक-इन की सहूलियत बढ़ने से अब कई यात्री सीधे ज़्यादा सामान लेकर भी बोर्डिंग के लिए पहुंच जाते हैं. ऐसे में उनपर अतिरिक्त आर्थिक भार डालने के बजाय ऐसे ही रास्ता निकाला जाता है.

स्पाइसजेट का क्या कहना है

बता दें बहुत सारे यात्री सोशल मीडिया पर भी इस तरह की 'वसूली' की शिकायत कर चुके हैं. हालांकि, स्पाइसजेट ने ऐसे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे इंडस्ट्री के नियम-कायदों का बेहद सख्ती से पालन करते हैं. कंपनी कभी भी तयशुदा सीमा के अंदर वजन के लगेज के लिए अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूलती. कंपनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि महज कुछ की शिकायत से अधिकांश यात्रियों के अनुभव या स्पाइसजेट के मानदंडों का सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.

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इनपुट- करिश्मा असोदानिन

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