सांसों में घुसते जहर के बीच नियमों की उड़ रहीं धज्जियां! GRAP-2 के बाद भी हवा में सुधार नहीं

Delhi air pollution: दिल्ली में प्रदूषण की मार लगातार बढ़ती जा रही है. देश की राजधानी की हवा में घुला जहर अब लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. PM 2.5 और PM 10 दोनों ही स्तर “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज किए जा रहे हैं. इस बीच GRAP 2 के नियमों का उल्लंघन भी खूब देखने को मिल रहा है.

Advertisement
नियमों का पालन नहीं करने पर बढ़ रहा है दिल्ली में प्रदूषण (Photo: PTI) नियमों का पालन नहीं करने पर बढ़ रहा है दिल्ली में प्रदूषण (Photo: PTI)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली में GRAP (Graded Response Action Plan) का दूसरा चरण यानी ग्रेप-2 लागू है. इसके तहत कई सख्त कदम जैसे सड़क पर पानी का छिड़काव, कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल नियंत्रण, खुले में कूड़ा या कचरा जलाने पर रोक, और डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगाए जाने थे. लेकिन सवाल ये है कि ग्रेप-2 लागू होने के बावजूद भी हवा में सुधार क्यों नहीं दिख पा रहा है?

Advertisement

नियमों की उड़ रही धज्जियां
आज तक की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, डीडीयू मार्ग में ग्रेप-2 के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आईं. कंस्ट्रक्शन साइट पर ना तो ग्रीन कलर का कर्टन लगा था, और ना ही बाहर पड़े कंस्ट्रक्शन मटेरियल को ढंका गया था. धूल उड़ती रही और काम बिना किसी रोक-टोक के जारी रहा. बता दें यह हाल तब का है जब वह एयर क्वालिटी इंडेक्स पीएम 2.5 का लेवल बेहद खराब स्थिति में 369 पर बना हुआ है.

कैसे रुकेगा प्रदूषण?
आज तक की टीम जब राजघाट के पास बन रहे DDA सदभावना पार्क में पहुंची तो वहां भी धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी था. कंस्ट्रक्शन साइट पर पड़े सीमेंट और रेत जैसे मटेरियल खुले में बिखरे थे, ना तो पानी का छिड़काव किया जा रहा था और ना ही ग्रीन कवर दिखा. ऐसे में सवाल उठता है कि जब नियमों की जमीन पर अनदेखी हो रही है, तो प्रदूषण कैसे घटेगा?

Advertisement

मेट्रो निर्माण बना धूल का पहाड़
नॉर्थ दिल्ली के नानक पियाउ गुरुद्वारा के पास भी चौंकाने वाला मामला देखने को मिला है. यहां दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने सड़क के बीचोंबीच डंपिंग यार्ड बना रखा है, जहां डिमोलिशन मटेरियल खुले में पड़ा है. घंटाघर चौक से लेकर आजादपुर तक दिल्ली मेट्रो के कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है. सड़को पर फैली इस कंस्ट्रक्शन मटेरियल  ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. यहां पर भी पीएम 2.5 का लेवल 345 दर्ज किया गया.

लापरवाही बन रही जहरीली हवा का कारण...

पर्यावरण विशेषज्ञ अनिल सूद के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण का एक बड़ा कारण निर्माण कार्य है. सड़कों पर उड़ने वाली धूल और मलबा PM 10 के स्तर को बढ़ाता है, जबकि सीमेंट जैसे महीन कण PM 2.5 को बढ़ाते हैं. अनिल सूद बताते हैं GRAP-4 लागू होता है और निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाती है, तब जाकर हवा में सुधार दिखता है, लेकिन इस वक्त जबकि GRAP-2 लागू है, नियमों के पालन में भारी लापरवाही साफ दिख रही है.

नियमों में सख्ती
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा बताते हैं कि जहां पर भी ग्रैप 2 वायलेशन हो रहा है उन चीजों का पूरी तरीके से संज्ञान लिया जा रहा है, सख्ती से नियमों को लागू किया जा रहा है. जनता से भी अपील है कि इन नियमों को पालन करने में सहयोग करें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement