हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों में जहां AAP और कांग्रेस में गठबंधन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, वहीं दिल्ली में दोनों पार्टियों ने साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनावों में कोई गठबंधन नहीं होगा. 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही दिल्ली में कांग्रेस और आप ने घोषणा कर दी थी कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी. इसके बाद से ही दिल्ली कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को सिविक मुद्दों पर घेरना शुरू कर दिया है, जिसमें भ्रष्टाचार के मुद्दे भी प्रमुख हैं. हालांकि, आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं, और इस मामले पर कोई बयानबाजी नहीं कर रहे हैं.
दिल्ली में गठबंधन की संभावना?
दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना फिलहाल बेहद कम नजर आ रही है. दोनों पार्टियों ने पहले ही सार्वजनिक रूप से घोषणा कर रखी है कि वे अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी.
2024 के आम चुनाव में दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन से नाराज होकर दिल्ली कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया था और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. दिल्ली कांग्रेस की नाराजगी कई मौकों पर सामने आई, लेकिन मौजूदा अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में आप के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.
भले ही इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दिल्ली में बीजेपी ने सभी सातों सीटों पर क्लीन स्वीप किया. इस बीच, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. दिल्ली में जलभराव, करंट लगने से हुई मौतें, और बिजली दरों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी दिल्लीवासियों के बीच पहुंच रही है, और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रही है. विधानसभा चुनाव 2025 में होने में अब छह महीने से भी कम समय बचा है, और कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने की योजना बना रही है.
राम किंकर सिंह