16 साल की उम्र में उठाया हथियार, सुकमा के जंगलों में खौफ का दूसरा नाम था हिडमा

सुरक्षा बलों ने आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में एक मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली हिडमा को मार गिराया है. हिडमा 16 साल की उम्र में नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध प्रदेश और तेलंगाना के लगभग हर नक्सली हमलों में उसका हाथ था.

Advertisement
मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात नक्सली हिडमा. (File Photo: ITG) मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात नक्सली हिडमा. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • सुकमा,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

सुरक्षा बलों ने कुख्यात माओवादी माडवी हिडमा को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में एक मुठभेड़ में मार गिराया है. यह मुठभेड़ आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के त्रि-जंक्शन के पास मारेदुमिल्ली जंगल में हुई. इस मुठभेड़ में हिडमा की पत्नी समेत 6 अन्य नक्सलियों को भी मार गिराया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि हिडमा कौन था?

Advertisement

कौन था हिडमा?

51 साल का हिडमा कुख्तायत नक्सली था. छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के जंगलों में छिपकर वह सुरक्षाबलों पर कई हमले कर चुका था. इन हमलों में वह दर्जनों पुलिसकर्मियों की जान ले चुका था.

यह भी पढ़ें: टॉप नक्सल कमांडर हिडमा का पत्नी सहित खात्मा, सुकमा एनकाउंटर में कुल 6 नक्सली ढेर, 50 लाख का था इनामी

हिडमा नक्सलियों की बटालियन को लीड करता था. उसके ऊपर सुरक्षा बलों ने 45 लाख रुपये का इनाम भी रखा था. 25 मई 2013 की खूनी झीरम घाटी की घटना को भी हिडमा ने ही अंजाम दिया था. इस घटना में बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस की टॉप लीडरशिप समेत 33 लोगों की हत्या कर दी थी. 

जिसके बाद से ही छत्तीसगढ़ पुलिस समेत कई एजेंसियां उसकी तलाश कर रही थीं. हिडमा पर 60 जवानों की हत्या का भी आरोप है. उस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने भी 25 लाख रुपये का इनाम रखा था.

Advertisement

इन घटनाओं में भी आया था हिडमा का नाम

हिडमा की बटालियन दक्षिण बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में काम करती है. ये इलाका कभी माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष का केंद्र रहा था. लेकिन अब हालात सुरक्षा बलों के पक्ष में हैं. छ्तीसगढ़ में जहां भी बड़ी वारदात हुई उसमें हिडमा का हाथ होता था. 2010 की ताड़मेटला की घटना जिसमें 76 CRPF जवानों  ने बलिदान दिया या फिर झीरम घाटी या फिर दूसरी घटनाएं. पुलिस का कहना है कि इन सभी वारदातों में हिडमा मौजूद था और उसने लगभग हर हमले का नेतृत्व किया था. 

16 साल की उम्र में हुआ था नक्सली संगठन में भर्ती

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिडमा 16 साल की उम्र में नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था. गोंड समाज से आने वाले हिडमा की शादी माओवादी संगठन में आने से पहले ही हो चुकी थी. 'दुबली पतली, लेकिन चुस्त कद काठी वाला हिडमा बहुत तेज-तर्रार था और चीजों को बहुत तेजी से सीखता था' 

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों में मुठभेड़, मिलिशिया कमांडर माड़वी देवा समेत तीन नक्सली ढेर

माओवादियों का अपना परंपरागत एजुकेशन और कल्चरल कमेटी होता है. यहीं पर हिडमा ने पढ़ाई करने के साथ गाना-बजाना सीखा. माओवादी कमांडरों ने उसे बरगलाया, उसका ब्रेनवॉश किया और सरकारी तंत्री के खिलाफ उसके मन में नफरत भरा. जिसके बाद वह खूंखार होता चला गया.

Advertisement

हिडमा के लिए 125 गांवों में की गई मैपिंग

हिडमा की तलाश के लिए 125 से ज्यादा गांवों की टेक्निकल मैपिंग की जा रही  थी. सिक्योरिटी फोर्स छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित करीब 125 गांव का थर्मल इमेजिंग करवा रही थीं. गौरतलब है कि बीजापुर और सुकमा का बॉर्डर ही हिडमा का गांव है. सिक्योरिटी फोर्स थर्मल मैपिंग के लिए  NTRO  (National Technical Research Organisation) की मदद ले रही थीं. हिडमा के खात्मे के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का खात्मा भी माना जा रहा है.  
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement