छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मोहन नगर थाना क्षेत्र से एक दुखद खबर सामने आई है. यहां 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक 15 वर्षीय छात्रा ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा का शव घर के अंदर फांसी के फंदे पर लटका मिला. घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में अफरा तफरी का माहौल बन गया.
यह पूरा मामला दुर्ग शहर के मोहन नगर थाना क्षेत्र का है. मृत छात्रा की पहचान दिशा माथनकर के रूप में हुई है. दिशा सिकोला बस्ती के आगे जयंती नगर में स्थित एक किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहती थी. वह दुर्ग पब्लिक स्कूल में कक्षा 10वीं की छात्रा थी.
15 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगाई
जानकारी के अनुसार दोपहर के समय दिशा ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जब परिजनों ने उसे फंदे पर लटका देखा तो परिवार में कोहराम मच गया. आनन फानन में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना की सूचना मिलने पर मोहन नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई की और पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
इस मामले को लेकर सीएसपी भिलाई नगर सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि मोहन नगर थाना क्षेत्र के जयंती नगर में 15 वर्षीय स्कूली छात्रा द्वारा फांसी लगाने की सूचना मिली थी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मर्ग कायम किया है. अभी तक किसी प्रकार का सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच पूरी होने के बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो सकेगा.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
बताया जा रहा है कि दिशा अपने परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी. परिवार में चार सदस्य हैं. उसकी मां सिलाई का काम करती हैं और किराए की एक छोटी टेलर की दुकान भी चलाती हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य बताई जा रही है. पुलिस परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है.
नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)
रघुनंदन पंडा