छत्‍तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष पर खींचतान खत्‍म, धरमलाल कौशिक के नाम पर मुहर

छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष को लेकर लंंबे वक्‍त से चली आ रही खींचतान आखिरकार शुक्रवार को खत्‍म हो गई. नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शा‍मि‍ल पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर, अजय चंद्राकर के नामों को दरकिनार करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को ये जिम्‍मेदारी दी गई.

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धरमलाल कौशिक धरमलाल कौशिक

राहुल झारिया

  • रायपुर,
  • 04 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को शुक्रवार को सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष चुन लिया गया. पार्टी कार्यालय एकात्म परिसर में हुई बीजेपी विधायकों की बैठक के बाद दिल्ली से आए पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और प्रदेशप्रभारी अनिल जैन ने कौशिक के नाम का ऐलान किया.

केंद्रीय मंत्री गहलोत ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, "छत्तीसगढ़ विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता चुनने की हमें जिम्‍मेदारी दी गई थी. इस दौरान 15 विधायकों से अलग-अलग विचार-विमर्श हुआ. इसके बाद बैठक में प्रस्ताव आमंत्रित किया गया."

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उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के नाम का प्रस्ताव दिया. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल समेत अन्य विधायकों ने भी समर्थन किया. इस दौरान और लोगों का भी नाम आमंत्रित किया गया, लेकिन कोई और नाम नहींआया."

गहलोत ने धरमलाल कौशिक को बधाई देते हुए कहा कि उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का बीजेपी को विधानसभा में फायदा मिलेगा. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हमेश तैयार रहेगा.

कौशिक ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी को ढाई करोड़ जनता ने सजग प्रहरी की जिम्मेदारी दी है. छत्तीसगढ़ की विधानसभा में प्रहरी के रूप में दायित्व का निर्वाहन करेंगे."

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष चुनने को लेकर चली लंबी खींचतान के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के नाम पर मुहर लगी है. नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह , पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर और अजय चंद्राकर भी दावेदार थे.

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ओबीसी वर्ग से आने वाले कौशिक छत्तीसगढ़ में बीजेपी के अनुभवी नेता हैं. वह विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह 2013 में चुनाव हार गए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. इस बार वह फिर से बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.

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